नई दिल्ली:कांग्रेस नेता राहुल गांधी 18 जनवरी को पटना में 'संविधान सम्मान सम्मेलन' को संबोधित करेंगे. यह सम्मेलन बिहार के दलित और पिछड़े समुदायों की ओर लक्षित है, और इसमें छात्र समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत भी हो सकती है, जो हाल ही में भर्ती परीक्षाओं को रद्द किए जाने के खिलाफ किए गए विरोध प्रदर्शनों से जुड़े हैं.
बिहार में, कांग्रेस ने छात्रों के आंदोलनों में गहरी दिलचस्पी दिखाई है. युवा कांग्रेस के प्रमुख उदय भानु चिब और कांग्रेस समर्थित निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली भाजपा समर्थित सरकार की आलोचना करते हुए जोरदार प्रदर्शनों का समर्थन किया. वामपंथी दलों के साथ बिहार कांग्रेस इकाई भी छात्र समर्थन में सड़कों पर उतर आई, और यहां तक कि प्रतिद्वंद्वी जन सुराज नेता प्रशांत किशोर भी इस मुद्दे में शामिल हो गए.
कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि सामाजिक न्याय और हाशिए पर पड़े समूहों के अधिकारों के मुद्दों पर सम्मेलन में चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का संदेश पूरे राज्य में फैलेगा, जो सामाजिक न्याय और परिवर्तन की राजनीति के लिए जाना जाता है. शकील अहमद खान ने यह भी कहा कि संगठनात्मक मुद्दों और भविष्य के आंदोलनों पर भी चर्चा की जाएगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा छात्रों का समर्थन करती है और करती रहेगी.
राहुल गांधी का बिहार दौरा तब हो रहा है जब भारतीय जनता पार्टी 1947 में देश की स्वतंत्रता की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए संविधान के बारे में बात कर रही है. शकील अहमद खान ने कहा कि पूरे देश में संविधान को बचाने की जरूरत महसूस की जा रही है, और बिहार भी इसका अपवाद नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा और उसके कॉर्पोरेट मित्र संविधान को खत्म करना चाहते हैं और हाशिए पर पड़े समूहों को सामाजिक न्याय और कल्याण प्रदान करने वाले इसके पहलुओं को नष्ट करना चाहते हैं.