नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता पर वैश्विक चिंताओं के बीच कहा कि क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) इस बात की अभिव्यक्ति है कि समान विचारधारा वाले देशों की पसंद पर कोई अन्य 'वीटो' का इस्तेमाल नहीं कर सकता और यह गठबंधन टिके रहने, विकास करने और वैश्विक समृद्धि में योगदान देने के लिए किया गया है.
जयशंकर ने एक थिंक-टैंक मंच को संबोधित करते हुए भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के गठबंधन को एक ओवरहेड लाइट (पथ प्रदर्शक प्रकाश पुंज) के रूप में वर्णित किया जो एक 'रचनात्मक, लचीला, सक्रिय, जवाबदेह और खुले दृष्टिकोण वाला' उपक्रम है. विदेश मंत्री ने कहा कि 'क्वाड' एक बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था के विकास को दर्शाता है और इसका मुख्य दृष्टिकोण एकतरफा नहीं, सहयोगात्मक है.
जिन सिद्धांतों के लिए यह चार देशों वाला क्वाड समूह खड़ा है, उनका जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, 'सभी चारों देशों की सरकारों ने अपने सामान्य व्यवहार से अलग व्यवहार किया है. क्वाड एक 'ओवरहेड लाइट' है और रचनात्मक, लचीला, सक्रिय, जवाबदेह और व्यापक दृष्टिकोण वाला उपक्रम है. ये ऐसे विशेषण नहीं हैं जिन्हें हम नौकरशाही के साथ आम तौर पर जोड़ते हैं.'
जयशंकर ने कहा कि क्वाड के पांच संदेश हैं 'पहला संदेश है - यह बहुध्रुवीय व्यवस्था के विकास को दर्शाता है; दूसरा संदेश है - यह गठबंधन के बाद और शीत युद्ध के बाद की सोच है; तीसरा संदेश है- यह प्रभाव क्षेत्रों के खिलाफ है, चौथा संदेश है - यह वैश्विक क्षेत्र के लोकतंत्रीकरण और एकतरफा नहीं, बल्कि सहयोगात्मक दृष्टिकोण को व्यक्त करता है और पांचवां संदेश है - यह इस बात की अभिव्यक्ति है कि इस समय और इस दौर में हमारी पसंद पर कोई और 'वीटो' का इस्तेमाल नहीं कर सकता.'