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पुणे पोर्श कांड: ब्लड सैंपल बदलने के मामले में चार निजी लोग भी शामिल - Pune porsche case - PUNE PORSCHE CASE

Pune Porsche case 4 persons involved blood sample manipulation: चर्चित पुणे पोर्श कार हिड एंड रन मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल बदलने के मामले में चार निजी लोग भी शामिल थे.

Pune Hit And Run Case
पुणे पोर्श कांड में शामिल कार (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 30, 2024, 12:37 PM IST

पुणे: पुणे पोर्श कार हिड एंड रन मामले में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल बदलने के मामले में चार निजी व्यक्तियों ने भी बड़ी भूमिका निभाई. कहा जा रहा है कि इनलोगों ने ब्लड सैंपल बदलने के लिए दबाव बनाया. इसका पता नहीं चल सका है कि वे कौन लोग हैं जो इस हेराफेरी में शामिल हैं. मुंबई पुलिस जांच टीम अब इन चार संदिग्धों का पता लगाने में जुट गई है.

बता दें कि पुणे के कल्याणीनगर इलाके में एक नाबालिग लड़के ने पोर्श कार से मोटरसाइकिल सवार दो आइटी इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी जिससे दोनों की मौत हो गई. इस मामले में हर दिन बड़े खुलासे हो रहे हैं. तीन दिन पहले ही यह बात सामने आई थी कि इस घटना में नाबालिग आरोपी को बचाने के लिए ससून अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी ब्लड सैंपल बदल दी थी.

इस मामले की आगे की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई. अब यह बात सामने आई है कि नाबालिग आरोपी की ब्लड रिपोर्ट में चार निजी व्यक्तियों ने छेड़छाड़ की है. तो ये चार लोग कौन हैं? यह सवाल उठ रहा है. नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल से छेड़छाड़ करने के आरोप में पुणे पुलिस ने ससून अस्पताल के डॉ. अजय टावरे, डॉ. श्रीहरि हलनोर और अतुल घटकंबले को गिरफ्तार किया है. साथ ही, धीरे-धीरे इस मामले की सारी गुत्थियाँ खुलती जा रही हैं.

इससे भी चौंकाने वाली बात सामने आई है कि पुलिस ने नौ घंटे की देरी के बाद ससून अस्पताल में नाबालिग का ब्लड टेस्ट कराया. ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने दुर्घटना के दौरान शराब पी थी या नहीं. हालांकि, जानकारी मिली है कि बाहर से चार निजी व्यक्ति आए और उन्होंने रक्त के नमूने का आदान-प्रदान किया. सूत्रों के अनुसार ससून अस्पताल के संबंधित विभाग के डॉक्टर ने नाबालिग का रक्त का नमूना लिया था. कुछ समय बाद कुछ निजी व्यक्ति उस स्थान पर आए.

उन्होंने संबंधित डॉक्टरों पर दबाव बनाया और उन्हें ब्लड सैंपल बदलने के लिए मजबूर किया. इतना ही नहीं, निजी व्यक्तियों ने अपने साथ लाए गए ब्लड सैंपल को वहीं रख लिया. तो वे चार निजी व्यक्ति कौन हैं? किसके कहने पर वे अस्पताल आए थे? उन्होंने अस्पताल के डॉक्टरों पर दबाव क्यों बनाया? ऐसे कई सवाल इस उठ रहे हैं.

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