भद्राद्री कोठागुडम (तेलंगाना) : तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडम जिले के चरला मंडल के रल्लापुरम गांव की एक सात महीने की गर्भवती महिला को चिकित्सा सहायता के लिए तीन किलोमीटर तक स्ट्रेचर पर ले जाना पड़ा.
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कुंजम मेय नामक महिला को उस समय गंभीर चिकित्सा आपातकाल का सामना करना पड़ा जब उसे कई बार दौरे पड़े, जिससे उसकी हालत तेजी से बिगड़ने लगी.
हालांकि प्रारंभिक प्राथमिक उपचार प्रदान करने वाली सहायक नर्स मिडवाइफ (ANM) के प्रयासों के बावजूद, उसकी स्थिति बिगड़ती गई. वहीं गांव तक पहुंचने के लिए कोई सड़क नहीं होने के कारण उसके पति पोज्जय्या और साथी ग्रामीणों के पास एक स्ट्रेचर का प्रबंध करके उसे ऊबड़-खाबड़ रास्ते से होते हुए निकटतम सुगम स्थान तक ले जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.
फलस्वरूप ये लोग तीन किलोमीटर की कठिन यात्रा के बाद वे एक गांव के तालाब पर पहुंचे. यहां पर 108 एम्बुलेंस सेवा के कर्मचारियों ने महिला को बुनियादी चिकित्सा उपचार दिया. साथ ही तालाब से एम्बुलेंस द्वारा उसे सत्यनारायणपुरम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) पहुंचाया गया. वहीं महिला की स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उसे और अच्छी देखभाल के लिए भद्राचलम सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया गया.
ग्रामीणों ने की सड़क बनाने की मांग
ग्रामीणों ने महिला बिगड़ते स्वास्थ्य पर कहा कि उसने दो दिनों से ठीक से खाना नहीं खाया था. उन्होंने अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों से अपने गांव तक सड़क बनाने के लिए बार-बार अपील करने पर निराशा व्यक्त की, जो कि ताली पेरू परियोजना से चार किलोमीटर से अधिक दूरी तक पहुंच से बाहर है. निवासियों ने बुनियादी ढांचे की कमी पर दुख जताते हुए कहा कि आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं तक पहुंचने में देरी के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है.
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