प्रयागराज:महाकुंभ में बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ने संन्यास की राह पकड़ ली है. किन्नर अखाड़े ने उनको महामंडलेश्वर की पदवी दी है. ममता ने संगम किनारे बाकायदा अपना और अपने परिवार वालों का पिंडदान कर दिया है. किन्नर अखाड़े में अब उनका पट्टाभिषेक होगा. अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी को अखाड़े में शामिल करने और महामंडलेश्वर की पदवी देने की जानकारी देते हुए उननाक नाम भी रख दिया है. ममता अब श्री यमाई ममता नंद गिरि के नाम से जानी जाएंगी. आचार्य महामंडलेश्वर के मुताबिक ममता को वृंदावन स्थित आश्रम की जिम्मेदारी दी जाएगी. अब उनका पूरा जीवन सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित रहेगा.
महाकुंभ में कई बड़े नाम संन्यास की ओर बढ़ रहे हैं. इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम 90 के दशक की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी का सामने आया है. ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़ा महामंडलेश्वर बनाने जा रहा है. इसकी पुष्टि खुद किन्नर आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने की है. मीडिया से बातचीत में कहा कि सनातन धर्म में आस्था रखने वालीं फिल्म कलाकार ममता कुलकर्णी को अब श्री यमाई ममता नंद गिरि के नाम से जाना जाएगा. उनका संगम तट पर पिंडदान और चोटी काटने के साथ अन्य परंपरा को पूरा किया जा चुका है. बाद में उनका पट्टाभिषेक भी हुआ.
लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि जूना अखाड़े की महिला महामंडलेश्वर के साथ ममता कुलकर्णी कल रात में उनसे मिलने के लिए आई थीं. वह सनातन धर्म के प्रति गहरी आस्था रखती हैं. वह पहले भी जूना अखाड़े की एक महामंडलेश्वर से जुड़ी हुई थीं, लेकिन उनका शरीर छोड़ने के बाद वह फिर से सनातन की राह में जूना अखाड़े के साथ आगे बढ़ना चाह रही थीं. इस दिशा में काम करते हुए उन्होंने मुझसे मुलाकात की थी, जिस पर मैंने उनका सनातन के प्रति झुकाव देखकर महामंडलेश्वर बनाने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि मैंने कोई उनसे दो-तीन करोड़ रुपए नहीं लिए हैं. वह अभिनेत्री हैं, लोग यही सोचेंगे, लेकिन वह जिस श्रद्धा के साथ सनातन की सेवा करना चाह रही हैं, उसके आधार पर उन्हें इस पद के साथ सनातन से जोड़ा जा रहा है. यदि वह इस परंपरा को निभाएंगी तो ठीक नहीं तो, उन्हें निष्कासित भी किया जा सकता है.