कलियाबोर: असम पुलिस ने शुक्रवार को छह लोगों को कथित तौर पर रॉयल बंगाल टाइगर (बाघ) पर हमला कर उसे बुरी तरह से घायल करने के मामले में छह लोगों को हिरासत में लिया है. खबर के मुताबिक टाइगर असम के नगांव जिले के कलियाबोर इलाके में जंगलों से भटकर आ गया था. इस दौरान इन लोगों ने कथित तौर पर टाइगर पर पथराव कर दिया.
नगांव जिले के जाखलाबंधा थाने की पुलिस ने बताया कि, नागांव वन रेंज के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) बिभूति मजूमदार द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के आधार पर छह लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस ने बताया कि, टाइगर पर हमले की घटना गुरुवार की है, जब कुछ स्थानीय लोगों ने केरीबाकोरी इलाके में रॉयल बंगाल टाइगर को देखा और उस पर पत्थर फेंककर हमला कर दिया.
रॉयल बंगाल टाइगर पर हमले का मामला (ETV Bharat) बाघ पास के जंगल से भटककर मानव बस्तियों में आ गया था. इस दौरान स्थानीय लोगों ने बाघ का पीछा किया, जिससे वह थक गया. अब उसमें भागने की ताकत नहीं बची थी. उसके बाद स्थानीय लोगों ने बाघ पर पत्थर फेंककर हमला कर दिया. वन अधिकारियों ने बताया कि पत्थर फेंकने से उसकी एक आंख पूरी तरह से खराब हो गई, जबकि दूसरी आंख में भी चोटें आईं.
वन अधिकारियों जब इसकी खबर लगी तो वे आनन-फान में मौके पर पहुंचे और उन्होंने घायल टाइगर को बेहोश करके बचाया. बाद में उन्होंने उसे काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के पास स्थित वन्यजीव पुनर्वास और संरक्षण केंद्र (सीडब्ल्यूआरसी) ले गए. सीडब्ल्यूआरसी अधिकारियों ने जानवरों की चोट को गंभीर बताया पशु चिकित्सक भास्कर चौधरी ने कहा, "बाघ की हालत बेहद खराब है. उसके नाक और आंख जैसे महत्वपूर्ण अंगों पर कई चोटें आई हैं. अगर जानवर बच भी जाता है तो वह फिर से जंगल में नहीं जा सकता. इसलिए हम बाघ को किसी चिड़ियाघर में भेजने के विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं."
वहीं, पुलिस ने कहा बाघ पर हमला करने के आरोप में छह लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस घटना के वीडियो फुटेज की जांच कर रही है. फुटेज के आधार पर बाघ पर हमला करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
बता दें कि, कि रॉयल बंगाल टाइगर इस सप्ताह की शुरुआत में कलियाबोर के पास कामाख्यागुरी आरक्षित वन से भटक गया था और कलियाबोर की ओर बढ़ गया था. कलियाबोर उप जिला प्रशासन ने भी इस सप्ताह की शुरुआत में कालियाबोर और उसके आसपास कर्फ्यू आदेश जारी किया था, जिसमें लोगों से अनावश्यक आवाजाही से बचने का आग्रह किया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इंसान और बाघों के बीच संघर्ष को टाला जा सके.
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