नई दिल्ली: सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों को सोमवार देर रात दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में लिया. पुलिस ने बताया कि दिल्ली की सीमाओं पर धारा 163 लगी हुई है. वहीं, वांगचुक ने अपनी हिरासत को लेकर सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट भी किया.
जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने उनके साथ करीब 150 लोगों को भी हिरासत में लिया है. सोनम वांगचुक ने जैसे ही 'दिल्ली चलो पदयात्रा' करते हुए हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश किया वैसे ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया. सोनम वांगचुक ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि मुझे और मेरे साथ 150 पदयात्रियों को दिल्ली बॉर्डर पर सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल ने हिरासत में ले लिया है. 80 वर्ष से अधिक आयु के कई बुजुर्ग पुरुष और महिलाओं समेत सेना के पूर्व सैनिक भी इस पदयात्रा में शामिल हैं. उन्होंने आगे लिखा कि हमारा भाग्य अज्ञात है. हम बापू की समाधि की ओर सबसे शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, लोकतंत्र की जननी... हाय राम!.
बता दें, वांगचुक और अन्य एक्टिविस्ट लेह से नई दिल्ली तक पैदल मार्च पर निकले थे ताकि केंद्र से लद्दाख के नेतृत्व के साथ उनकी मांगों के संबंध में बातचीत फिर से शुरू करने का आग्रह किया जा सके. उनकी प्रमुख मांगों में से एक यह है कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए, जिससे स्थानीय लोगों को अपनी भूमि और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए कानून बनाने की शक्ति मिल सके. वांगचुक और लगभग 75 स्वयंसेवकों ने 1 सितंबर को लेह से अपना पैदल मार्च शुरू किया था.
इससे पहले वांगचुक ने कहा था कि वे सरकार को पांच साल पहले किए गए वादे को पूरा करने की याद दिलाने के मिशन पर हैं. 14 सितंबर को जब पदयात्रा हिमाचल प्रदेश पहुंची तो उन्होंने कहा था कि हम सरकार को यह याद दिलाने जा रहे हैं कि उसने पांच साल पहले हमसे जो वादा किया था, उसे पूरा किया जाए. वांगचुक लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने (जो आदिवासी समुदायों को विशेष अधिकार प्रदान करता है) और मजबूत पारिस्थितिक सुरक्षा की वकालत करते रहे हैं.
इससे पहले, सोनम वांगचुक ने लद्दाख की नाजुक पर्वतीय पारिस्थितिकी और स्वदेशी लोगों की सुरक्षा पर अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए लेह में नौ दिनों का उपवास भी किया था. अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था.
राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
इस पूरे मामले पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने सोनम वांगचुक और उनके समर्थकों को सिंघु सीमा पर हिरासत में लिए जाने की आलोचना की और इसे 'अस्वीकार्य' बताया. राहुल गांधी ने सोशल मीडिया 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि पर्यावरण और संवैधानिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से मार्च कर रहे सोनम वांगचुक जी और सैकड़ों लद्दाखियों को हिरासत में लिया जाना अस्वीकार्य है. उन्होंने इस गिरफ्तारी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया.