नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर के पहले सप्ताह में ब्रूनेई और सिंगापुर की यात्रा करेंगे. यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को दी. इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी तीन और चार सितंबर को ब्रूनेई की यात्रा करेंगे. उन्होंने कहा कि यह किसी भी भारतीय पीएम की ब्रूनेई की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी.
उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत और ब्रूनेई के कूटनीतिक संबंधों की शुरुआत के 40 वर्ष पूरे होने के मौके पर हो रही है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ब्रूनेई से सिंगापुर की यात्रा करेंगे. वह सिंगापुर के पीएम के निमंत्रण पर उस देश का दौरा करेंगे.
विदेश मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुल्तान हाजी हसनल बोल्किया के निमंत्रण पर, 03-04 सितंबर के दौरान ब्रुनेई दारुस्सलाम का दौरा करने वाले हैं. इसके बाद पीएम मोदी, प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के निमंत्रण पर 04-05 सितंबर को सिंगापुर का दौरा करेंगे.
वहीं विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रश्न के जवाब में कहा, 'हां, हमें SCO (शंघाई सहयोग संगठन) बैठक के लिए पाकिस्तान से निमंत्रण मिला है. हमारे पास इस पर कोई अपडेट नहीं है. हम आपको बाद में स्थिति से अवगत कराएंगे.'
'शांति वार्ता शुरू करना संघर्ष के दोनों पक्षों का विशेषाधिकार है'
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत ने हमेशा इस संघर्ष का बातचीत के जरिए समाधान प्राप्त करने के लिए सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक, समाधान-उन्मुख और व्यावहारिक जुड़ाव की वकालत की है.
यूक्रेन और रूस दोनों के बीच युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से शांति शिखर सम्मेलन आयोजित करने के लिए यूक्रेनी पक्ष द्वारा भारत से कोई अनुरोध किए जाने के बारे में मीडिया द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने हमेशा इस संघर्ष का बातचीत के जरिए समाधान प्राप्त करने के लिए सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक, समाधान-उन्मुख और व्यावहारिक जुड़ाव की वकालत की है. यह रूस और यूक्रेन दोनों के साथ हमारी पहुंच से स्पष्ट है.'
उन्होंने कहा कि शांति वार्ता कब और कैसे शुरू की जाए, इसका निर्णय संघर्ष के दोनों पक्षों का विशेषाधिकार है.जायसवाल ने कहा, 'मित्र और साझेदार के रूप में, हम किसी भी व्यवहार्य और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान या प्रारूप का समर्थन करेंगे, जो शांति बहाल कर सके.'
भारत पर बाढ़ का कारण बनने का आरोप लगाने के लिए ढाका की आलोचना की
बाढ़ की खबरों के बीच बांग्लादेश ने देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ के लिए भारत को दोषी ठहराया है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस आरोप का खंडन किया और कहा कि इसकी कहानी भ्रामक है. रणधीर जायसवाल ने कहा, 'हमने बांग्लादेश में बाढ़ की स्थिति पर रिपोर्ट देखी है. इसकी कहानी भ्रामक है,यह तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है और स्थिति को स्पष्ट करने वाले भारत सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्तियों में उल्लिखित तथ्यों की अनदेखी करता है. जायसवाल ने कहा, उन्होंने इस बात की भी अनदेखी की है कि जल संसाधन प्रबंधन के लिए मौजूदा संयुक्त तंत्र के माध्यम से दोनों देशों के बीच डेटा और महत्वपूर्ण सूचनाओं का नियमित और समय पर आदान-प्रदान होता है.
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