नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख लाभार्थियों को संपत्ति कार्ड सौंपा. इस दौरान पीएम मोदी लोगों से वर्चुअली मुखातिब हुए और इस योजना की बारीकियां समझाईं.
प्रधानमंत्री ने कहा, "एक अर्थशास्त्री अपनी किताब में कहते हैं कि गांवों में लोगों के पास डेड कैपिटल होती है. क्योंकि गांव वाले, गरीब लोग उस संपत्ति के बदले में कोई लेनदेन नहीं कर सकते हैं. दुनिया के सामने मौजूद इस बड़ी चुनौती से भारत भी अछूता नहीं था. भारत के गांव में लोगों के पास लाखों लाख करोड़ रुपये की संपत्ति होने के बावजूद उसकी इतनी कीमत नहीं थी. वजह ये कि लोगों के पास अक्सर घरों के कानूनी दस्तावेज नहीं होते थे. इसलिए घर की मिल्कियत को लेकर भी विवाद होते रहते थे. कई जगहों पर दंबग घरों पर कब्जा कर लेते थे. बैंक भी ऐसी संपत्ति से दूर रहते थे. अच्छा होता अगर पहले की सरकारों ने इस दिशा में ठोस कदम उठाए होते."
उन्होंने आगे कहा, "2014 में जब हमारी सरकार बनी तो हमने प्रॉपर्टी के कागज की चुनौती से निपटने की ठानी, इसलिए हमने स्वामित्व योजना शुरू की और तय किया कि ड्रोन की मदद से देश के गांव-गांव में घरों की जमीन की मैपिंग कराई जाएगी. आवासीय संपत्ति के कागज दिए जाएंगे. मैं अभी स्वामित्व योजना के लाभार्थियों से बात कर रहा था, इस योजना ने कैसे उनका जीवन बदल दिया है, अब बैंकों से मदद मिलने लगी है. उनके चेहरों पर जो संतोष था, खुशी थी, जो आत्मविश्वास था, कितना आनंददायक संवाद लगा मुझे. इसे मैं बहुत बड़ा आशीर्वाद मानता हूं."
प्रधानमंत्री मोदी ने ड्रोन सर्वे को लेकर जानकारी साझा की. बोले, "हमारे देश में 6 लाख से अधिक गांव हैं. इनमें से करीब आधे गांव में ड्रोन से सर्वे हो चुका है. कानूनी दस्तावेज मिलने के बाद लाखों लोगों ने अपने घर अपनी संपत्ति के आधार पर लोन लिया है. इस पैसे से छोटा-मोटा व्यापार शुरू किया है. इनके लिए ये प्रॉपर्टी कार्ड आर्थिक सुरक्षा की बड़ी गारंटी बन चुकी है. अवैध कब्जा, कोर्ट के विवाद, दलित पिछड़े आदिवासी परिवार ही सबसे अधिक परेशान थे. अब कानूनी प्रमाण मिलने से उनको इस संकट से मुक्ति मिल चुकी है. एक आकलन है कि इन सभी गांवों में प्रॉपर्टी कार्ड बनने के बाद 100 लाख करोड़ की आर्थिक गतिविधि का रास्ता खुल जाएगा. आज हमारी सरकार पूरी ईमानदारी से ग्राम स्वराज को जमीन पर उतारने का प्रयास कर रही है."
पीएम मोदी ने दावा किया कि ये संपत्ति कार्ड कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराएगा. बोले, "प्रॉपर्टी कार्ड मिलने से डिजास्टर मैनेजमेंट बेहतर हो पाएगा, आपदा में उचित क्लेम मिलना आसान होगा. किसानों की जो जमीन होती है, उसको लेकर कितना विवाद होता है. ये परेशानियां कम हों, इसके लिए लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जा रहा है. स्वामित्व और भू आधार ये व्यवस्थाएं गांव के विकास का आधार बनने जा रही हैं. 23 करोड़ भू आधार नंबर जारी किए जा चुके हैं. बीते 7-8 साल में ही 98 प्रतिशत लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया गया है."
पीएम मोदी ने बापू की कही याद की. कहा, "महात्मा गांधी कहते थे, भारत गांव में बसता है, भारत की आत्मा गांव में है. पूज्य बापू के इस भाव को सही मायने में जमीन पर उतारने का काम बीते दशक में हुआ है. जिन ढाई करोड़ से अधिक परिवारों तक बिजली पहुंची बीते दस वर्षों में, वे अधिकतर गांव के हैं. जिन 10 परिवारों तक बीते दस वर्षों में शौचालय पहुंचे, वे भी ज्यादातर गांवों के ही हैं. जिन 10 करोड़ बहनों को उज्ज्वला का गैस मिला, उनमें से अधिकांश बहनें गांव में रहती हैं. जन 12 करोड़ से अधिक परिवारों तक पांच सालों में नल से जल पहुंचा है, वे भी गांव के हैं. जिन 50 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुले, वे भी गांव में ही हैं."