थिंपू :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रवार को भूटान के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया गया. यह सम्मान पाने वाले वह किसी विदेशी सरकार के पहले प्रमुख हैं. प्रधानमंत्री मोदी को यह पुरस्कार 'भारत-भूटान संबंधों के विकास में उनके उत्कृष्ट योगदान और भूटानी राष्ट्र तथा इसके लोगों के वास्ते उनकी विशिष्ट सेवा' के लिए प्रदान किया गया है.
अगले पांच वर्षों में 10 हजार करोड़ रुपये की मदद करेगा भारत: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को भूटान के शीर्ष नेतृत्व को भरोसा दिलाया कि भारत उसके विकास की आकांक्षाओं में उसका पूर्ण समर्थन करता है और दोनों देशों के अद्वितीय द्विपक्षीय संबंध कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे, व्यापार और ऊर्जा क्षेत्रों में अधिक सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेंगे. मोदी ने यह भी घोषणा की कि नयी दिल्ली अगले पांच वर्षों में थिंपू को 10,000 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करेगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और भूटान के लोगों के बीच आत्मीयता उनके द्विपक्षीय संबंधों को अनूठा बनाती है. उन्होंने कहा कि भारत, भूटान के लोगों के दिलों में बसता है.
पुरस्कार मिलने के बाद मोदी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'भूटान द्वारा 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' पुरस्कार दिए जाने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मैं इसे 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित करता हूं.' भूटान के राजा जिग्मे खेसर नांग्याल वांगचुक ने प्रधानमंत्री मोदी को 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया. सम्मान की घोषणा भूटान के राजा ने 17 दिसंबर, 2021 को 114वें राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान की थी. शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी दो दिवसीय भूटान यात्रा के दौरान इसे प्राप्त किया.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आज एक भारतीय के नाते मेरे जीवन का बहुत बड़ा दिन है, आपने मुझे भूटान के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है. हर पुरस्कार अपने आप में विशेष होता ही है लेकिन जब किसी अन्य देश से पुरस्कार मिलता है तो यह महसूस होता है कि हम दोनों देश सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.'
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, '140 करोड़ भारतवासी जानते हैं कि भूटान के लोग उनके अपने परिवार के सदस्य हैं, भूटान के लोग भी यह जानते हैं और मानते हैं कि भारत उनका परिवार है. हमारे संबंध, मित्रता, आपसी सहयोग और विश्वास अटूट है. इसलिए मेरे लिए आज का यह दिन बहुत विशेष है.' उन्होंने कहा, 'भारत और भूटान एक साझी विरासत का हिस्सा है. भारत भगवान बुद्ध की भूमि है, उनकी तपोस्थली है. भारत वह भूमि है जहां बुद्ध को बोध प्राप्त हुआ था. भूटान ने भगवान बुद्ध की उन शिक्षाओं को आत्मसात किया, उन्हें संरक्षित किया...'