झाबुआ।तीसरी बार मोदी सरकार के अभियान पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब आदिवासी वोट बैंक के जरिए 370 सीट जीतने का भी एलान का चुके हैं. इतना ही नहीं आज रविवार को प्रधानमंत्री ने झाबुआ के आदिवासी अंचल गोपालपुरा में आयोजित आदिवासी महाकुंभ में अपार जनसमूह को 370 सीटें जीतने की जडी बूटी वाला फॉर्मूला भी बताया. वहीं, उन्होंने 2024 में 400 पार के लिए मतदाताओं को तैयार रहने की भी अपील की. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासी अंचल के विकास के लिए गरीब 7550 करोड़ की विकास योजनाओं की सौगात भी दी.
इस बार 400 पार
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के लिए भाजपा और एनडीए ने इस बार 400 पार के दावे के साथ मैदान में उतारने का ऐलान किया है. वहीं भाजपा भी कम से कम 370 सीट लाने का दावा कर रही है. जाहिर है इस आंकड़े तक पहुंचाने के लिए देश के विभिन्न वर्गों को साधना अब भाजपा के लिए भी जरूरी हो चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के ठेठ आदिवासी अंचल झाबुआ पहुंचे जहां उन्होंने गोपालपुरा में आयोजित आदिवासी महाकुंभ में तमाम विकास परियोजना का शुभारंभ करते हुए कहा ''मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जनता ने लोकसभा चुनाव का मूड बता दिया है. इसलिए 2024 में 400 पार और भाजपा 370 पार जरुरी है.''
370 सीटें जीतने का बताया फॉर्मूला
पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपस्थित जन समुदाय को 370 सीटें पार करने का फॉर्मूला भी बताया. मोदी ने कहा ''जिस पोलिंग बूथ पर विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोट डले हो उसमें 370 नए वोट डलवाए जाएं और इसी पोलिंग बूथ में और 370 नए मतदाता को जोड़ा जाए. इसके बाद भाजपा को 370 सीटें लाने से कोई रोक नहीं सकता.'' मोदी ने झाबुआ में आदिवासी अंचल के अपार जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा ''गुजरात में रहते झाबुआ के जीवन परंपरा जोड़ने का अवसर मिलता रहा है, लिहाजा झाबुआ के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.''
कांग्रेस ने आदिवासियों को वोट बैंक समझा
पीएम मोदी ने कहा 'मध्य प्रदेश के लिए सर्वाधिक राशि स्वीकृत कर रहे हैं. जबकि रेलवे के विकास के लिए पूर्व की तुलना में 24 परसेंट राशि ज्यादा दी जा रही है. जिस तरह विधानसभा चुनाव में इतनी बड़ी संख्या में मतदाताओं ने भाजपा पर भरोसा किया उसी भरोसे के साथ हम लोकसभा में दिन रात काम करेंगे. कांग्रेस ने आदिवासियों को अब तक सिर्फ वोट बैंक समझा, कांग्रेस ने लूट और फूट की नीति को अपनाया. लेकिन आदिवासियों के बीच विकास अब नजर आ रहा है.