हरिद्वार:जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा का पार्थिव शरीर हरिद्वार लाया गया है. पायलट बाबा के पार्थिव शरीर को उनके आश्रम में रखा गया है. जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए साधु संतों के साथ ही स्थानीय लोगों का हुजूम देखने को मिल रहा है. तमाम साधु संत और अखाड़े से जुड़े पदाधिकारी उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
पायलट बाबा को जानिए:गौर हो कि बीती रोज यानी 20 अगस्त को पायलट बाबा का मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में देहांत हो गया था. पायलट बाबा देश के बड़े संतों में शामिल थे. इसके अलावा श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर भी थे. संन्यास लेने से पहले पायलट बाबा भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर भी रहे. उन्होंने साल 1962, 1965, 1971 के युद्ध में बतौर विंग कमांडर हिस्सा लिया था. इन युद्धों में बाबा ने फाइटर पायलट की भूमिका निभाई थी.
पाकिस्तान के साथ साल 1965 और 1971 युद्ध में सफल अभियान को अंजाम दिया. जिसके बाद उन्होंने संन्यास लिया, फिर वो पायलट बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुए. जबकि, उनका वास्तविक नाम कपिल सिंह था. जो मूल रूप से बिहार के रोहतास के रहने वाले थे. साल 1998 में बाबा महामंडलेश्वर पद पर आसीन हुए. उन्हें साल 2010 में उज्जैन में प्राचीन जूना अखाड़ा शिवगिरी आश्रम नीलकंठ मंदिर में जूना अखाड़े का पीठाधीश्वर बनाया गया. वहीं, पायलट बाबा को लेकर कई विवाद भी हुए.