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हल्द्वानी बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक को तगड़ा झटका, हाईकोर्ट से जमानत याचिका निरस्त - ABDUL MALIK BAIL PLEA REJECTED

हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत याचिका निरस्त. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने की पैरवी.

ABDUL MALIK BAIL PLEA REJECTED
हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत याचिका खारिज (File Photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की है. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने निर्णय देते हुए उसकी जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि आप निचली अदालत में जमानत के लिए आवेदन करें.

खंडपीठ ने पहले अपना निर्णय रखा था सुरक्षित: साथ में निचली अदालत चार्जशीट और अन्य का अवलोकन करके निर्णय पारित करे. कोर्ट ने यह भी कहा है कि पूर्व के आदेश का अवलोकन करके आदेश पारित करें. इस मामले पर 2 जनवरी को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था. आज शुक्रवार 10 जनवरी को कोर्ट ने इस पर अपना आदेश दिया है.

8 फरवरी 2024 को बनभूलपुरा इलाके में हुई थी हिंसा: मामले के अनुसार 8 फरवरी 2024 को हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में टीम अतिक्रमण हटाने गई थी. पुलिस के अनुसार प्रशासन और पुलिस की टीम पर अतिक्रमणकारियों और कई अन्य लोगों ने पथराव, आगजनी और गोलीबारी की थी. हिंसा के दौरान आरोपियों ने कई गाड़ियों सहित थाने को घेरकर गोलीबारी की थी, जिसमें कई लोगों की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे.

जब हिंसा हुई तब मैं दिल्ली में था-अब्दुल मलिक: जांच के बाद पुलिस ने 100 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया था. उन्हीं में से एक आरोपी अब्दुल मलिक था. आज उसके द्वारा जमानत प्रार्थनपत्र में यह भी कहा गया है कि जिस दिन यह घटना हुई, वो वहां नहीं था, बल्कि वो दिल्ली में था. ऐसे में उसे बेवजह फंसाकर उनके ऊपर हिंसा भड़काने और आरोपियों का साथ देने का झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है. जब अपराध किया ही नहीं, तो झूठा मुकदमा किस आधार पर दर्ज किया गया है, इसलिए उसे जमानत दी जाए. अब्दुल मलिक ने ये भी कहा कि अतिक्रमण करने के मामले में उसे एकलपीठ से जमानत मिल चुकी है. आज अब्दुल मलिक के जमानत प्रार्थन पत्र की पैरवी के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद पेश हुए.

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नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक के जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की है. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने निर्णय देते हुए उसकी जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि आप निचली अदालत में जमानत के लिए आवेदन करें.

खंडपीठ ने पहले अपना निर्णय रखा था सुरक्षित: साथ में निचली अदालत चार्जशीट और अन्य का अवलोकन करके निर्णय पारित करे. कोर्ट ने यह भी कहा है कि पूर्व के आदेश का अवलोकन करके आदेश पारित करें. इस मामले पर 2 जनवरी को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था. आज शुक्रवार 10 जनवरी को कोर्ट ने इस पर अपना आदेश दिया है.

8 फरवरी 2024 को बनभूलपुरा इलाके में हुई थी हिंसा: मामले के अनुसार 8 फरवरी 2024 को हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में टीम अतिक्रमण हटाने गई थी. पुलिस के अनुसार प्रशासन और पुलिस की टीम पर अतिक्रमणकारियों और कई अन्य लोगों ने पथराव, आगजनी और गोलीबारी की थी. हिंसा के दौरान आरोपियों ने कई गाड़ियों सहित थाने को घेरकर गोलीबारी की थी, जिसमें कई लोगों की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे.

जब हिंसा हुई तब मैं दिल्ली में था-अब्दुल मलिक: जांच के बाद पुलिस ने 100 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया था. उन्हीं में से एक आरोपी अब्दुल मलिक था. आज उसके द्वारा जमानत प्रार्थनपत्र में यह भी कहा गया है कि जिस दिन यह घटना हुई, वो वहां नहीं था, बल्कि वो दिल्ली में था. ऐसे में उसे बेवजह फंसाकर उनके ऊपर हिंसा भड़काने और आरोपियों का साथ देने का झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है. जब अपराध किया ही नहीं, तो झूठा मुकदमा किस आधार पर दर्ज किया गया है, इसलिए उसे जमानत दी जाए. अब्दुल मलिक ने ये भी कहा कि अतिक्रमण करने के मामले में उसे एकलपीठ से जमानत मिल चुकी है. आज अब्दुल मलिक के जमानत प्रार्थन पत्र की पैरवी के लिए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद पेश हुए.

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