हरिद्वार: जिला कारागार की दीवारें इन दिनों आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. जेल की ऊंची-ऊंची दीवारों पर महापुरुषों, वीर सैनिकों, देवी देवताओं और चिपको आंदोलन के चित्रों के साथ ही बैरकों को भी विशेष नाम दिए गए हैं. दो महीने की कड़ी मेहनत से जेल में बंद कैदी ने इन चित्रों को बनाकर अन्य कैदियों को व्यस्त रहने का सन्देश दिया और कैदियों की सोच सकारात्मक भी बनी रहेगी.
कैदियों में पॉजिटिव सोच लाने के लिए हरिद्वार जिला जेल की दीवारों पर की अद्भुत चित्रकारी, तस्वीरें बदलेंगी मानसिकता - inspirational painting in prison
Pictures of inspirational men on jail walls in Haridwar हरिद्वार जिला कारागार प्रशासन समय-समय पर अभिनव प्रयोग करता रहता है. हाल ही में जेल में बेकरी बनाकर कैदियों को बेकरी उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग दी गई थी. अब हरिद्वार जिला जेल की दीवारों पर प्रेरणादायी चित्र बनाकर कैदियों की आपराधिक मानसिकता बदलने और उनके अंदर सकारात्मक विचार पैदा करने का प्रयास किया गया है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : May 28, 2024, 7:49 AM IST
|Updated : May 28, 2024, 1:32 PM IST
जिला जेल की दीवारें बनीं आकर्षण का केंद्र: अपने जुर्म की सजा काट रहे कैदियों को जेल की ऊंची-ऊंची दीवारों को देखकर नकारात्मक की सोच पैदा होती है. इसी को देखते हुए हरिद्वार जिला कारागार की दीवारों पर देवी देवताओं, महापुरुषों, वीर सैनिकों, चिपको आंदोलन से जुड़े चित्र बनाए गए हैं. इतना ही नहीं जेल की चारदीवारी में बनी बैरकों को गंगोत्री, यमुनोत्री, मानसरोवर और महिला बैरक को शारदा नाम दिया गया है. इसका उद्देश्य कैदियों की सोच सकारात्मक बनी रहे है. जेल की दीवारों पर चित्र बनाने वाला कोई और नहीं बल्कि कारागार में सजा काट रहे घनश्याम गुप्ता हैं. उन्होंने बताया कि इन चित्रों को बनाने में दो महीने का समय लगा है. इसका उद्देश्य यही है कि यहां आने वाले लोगों की सोच सकारात्मक बनी रहे.
वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने क्या कहा: हरिद्वार की जिला कारागार के वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्या का कहना है कि जेल की दीवारों को देखकर नकारात्मक मनोवैज्ञानिक असर जेल में बंद लोगों पर पड़ता है. व्यक्ति पहले से ही परेशान रहता है. जेल प्रशासन के प्रयास से इन दीवारों पर ऐसे चित्र बनाए गए हैं, जिससे सकारात्मक सोच बनी रहे और नकारात्मकता से कैदी दूर रहें. खास बात यह है कि बैरक नंबर 1 को मानसरोवर तो वहीं महिला बैरक को शारदा नाम दिया गया है.
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