बेंगलुरु :भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 पर लगे ‘पेलोड’ के उन्नत सेंसरों ने कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) के प्रभाव का सफलतापूर्वक पता लगाया है. सूर्य से प्लाज्मा और चुंबकीय तत्वों के निकलने की घटना को सीएमई कहा जाता है.
अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (पीएपीए) नामक पेलोड एक ऊर्जा व द्रव्यमान विश्लेषक है, जिसे कम ऊर्जा सीमा में सौर पवन इलेक्ट्रॉन और आयनों के मापन के लिए तैयार किया गया है. इसमें दो सेंसर हैं: पहला सेंसर सोलर विंड इलेक्ट्रॉन एनर्जी प्रॉब (स्वीप) 10 इलेक्ट्रॉन वाल्ट से 3 किलो इलेक्ट्रॉन वॉल्ट की ऊर्जा सीमा में इलेक्ट्रॉनों को मापता है जबकि दूसरा सेंसर सोलर विंड आयन कंपोजिशन एनलाइजर (एसडब्ल्यूआईसीएआर) 10 इलेक्ट्रॉन वाल्ट से 25 किलो इलेक्ट्रॉन वाल्ट और 1-60 एएमयू द्रव्यमान ऊर्जा सीमा में आयनों को मापता है. सेंसर सौर वायु कणों के आगमन की दिशा मापने में भी सक्षम हैं.