नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कथित NEET-UG पेपर लीक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार दोषियों को नहीं बख्शेगी. साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों पर देश के युवाओं के भविष्य को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया.
मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा, "राष्ट्रपति ने अपने भाषण में पेपर लीक का जिक्र किया. मैं उम्मीद करता हूं कि पूरा सदन राजनीति से ऊपर उठकर इस मुद्दे पर चर्चा करेगा. दुर्भाग्य से, इसका राजनीतिकरण किया जा रहा है, जो देश के भविष्य के लिए चिंताजनक है."
'धोखाधड़ी करने वालों को नहीं छोड़ेगी सरकार'
युवाओं को भरोसा दिलाते हुए कि पीएम मोदी ने कहा कि सरकार उनके साथ धोखाधड़ी करने वालों को नहीं छोड़ेगी. मेरे देश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिले, इसके लिए एक के बाद एक कार्रवाई की जा रही है. संसद में हमने इन अनियमितताओं के खिलाफ सख्त कानून बनाए हैं. हम पूरी व्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं, ताकि मेरे देश के युवाओं को भविष्य में आशंका की स्थिति में न रहना पड़े और वे आत्मविश्वास के साथ अपनी क्षमता का प्रदर्शन करें और उन्हें वे मिले जो उनका हक है."
सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे
इससे पहले मंगलवार को लोकसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि सरकार प्रभावित छात्रों को न्याय दिलाने और नीट पेपर लीक मामले में जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. उन्होंने आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार किसी को भी भारत के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं करने देगी.
राहुल गांधी ने की थी नीट पर चर्चा की मांग
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के मंगलवार को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर NEET-UG विवाद पर बहस की मांग की और विपक्ष के कई सदस्यों ने भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को खत्म करने की डिमांड की.
अपने पत्र में राहुल गांधी ने लिखा, "हमारा उद्देश्य आगे बढ़ने का रास्ता खोजने के लिए है." "इस समय, हमारी एकमात्र चिंता भारत भर में लगभग 24 लाख NEET उम्मीदवारों के कल्याण के लिए है. लाखों परिवारों ने अपने बच्चों को सपोर्ट करने के लिए बलिदान दिया है. कई लोगों के लिए पेपर लीक जीवन भर के सपने के साथ विश्वासघात है."कांग्रेस नेता ने दावा किया था कि पिछले सात साल में, 70 से अधिक इस तरह के पेपल लीक मामलों से 20 मिलियन से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं.
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