नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की और कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक दशक से संविधान पर व्यवस्थित हमला किया. इस दौरान उन्होंने नीट पेपर लीक, बेरोजगारी, अग्निवीर, नोटबंदी, जीएसटी और किसानों से जुड़े मुद्दे उठाए.
राहुल गांधी के भाषण के दौरान निचले सदन में एक अलग नजारा देखने को मिला. दरअसल विपक्ष के नेता राहुल गांधी के भाषण को दौरान एक नहीं लगभग आधा दर्जन बीजेपी नेताओं ने प्रतिक्रिया दी. इनमें पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं.
पीएम मोदी ने किया हस्तक्षेप
जब कांग्रेस सांसद ने कहा कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं वे केवल हिंसा, घृणा, असत्य की बात करते हैं. वह हिंदू हो ही नहीं सकते. इस पीएम मोदी ने हस्तक्षेप किया और कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि हर हिंदू हिंसक होता है. पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना गंभीर मामला है.
अमित शाह ने दिया जवाब
वहीं, इस मामले पर गृह मंत्री अमित शाह भी राहुल गांधी को जवाब देते नजर आए. उन्होंने कहा कि करोड़ों लोग हिंदू होने पर गर्व करते हैं. क्या राहुल गांधी को लगता है कि वे सभी हिंसा करने वाले हैं. राहुल गांधी को अपनी इस टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए.
राजनाथ सिंह ने जताई आपत्ति
इसके बाद राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अग्निवीरों को न तो शहीद का दर्जा मिला और न ही पेंशन. इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आपत्ति जताते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष सदन को गुहराह कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि युद्ध में जान गंवाने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर दिए जाते हैं.