नई दिल्ली: विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्रीय बजट को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला किया. अपने भाषण की शुरुआत में उन्होंने कहा कि देश में भय का माहौल है. राहुल गांधी ने महाभारत से समानताएं दर्शाते हुए उन्होंने कहा कि देश अब 'कमल के चक्रव्यूह' में फंस गया है. उन्होंने भाजपा के प्रतीक का जिक्र किया. लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024 पर बोलते हुए, विपक्ष के नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया. उन्होंने कहा कि देश के किसान, मजदूर और युवा भयभीत हैं.
लोकसभा में बजट पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पिछले भाषण में मैंने कुछ धार्मिक अवधारणाओं के बारे में बात की थी. शिवजी और अहिंसा की अवधारणा यह है कि त्रिशूल को पीठ के पीछे रखा जाता है. हाथ में नहीं रखा जाता है. मैंने शिवजी के गले में सांप के बारे में बात की. मैंने यह भी कहा कि हमारे देश में सभी धर्मों ने अहिंसा के विचार को प्रस्तुत किया है जिसे एक वाक्य में कहना हो तो कहेंगे कि डरो मत.
राहुल गांधी ने कहा कि मैंने यह भी कहा कि अभय मुद्रा का विचार अहिंसा और स्नेह और निर्भयता की इस गति को हर किसी तक पहुंचाता है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में डर का माहौल है. मेरे दोस्त मुस्कुरा रहे हैं लेकिन वे डरे हुए भी हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा में भी डर का माहौल है. केवल एक आदमी को प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने की अनुमति है. अगर रक्षा मंत्री चाहें कि वह प्रधानमंत्री बन जाये तो समस्या हो जायेगी. इसी तरह देश में डर है. उन्होंने कहा कि मैं खुद से सवाल पूछता हूं कि इतना डर किसलिए है... क्या ऐसा है कि भाजपा में मेरे मित्र भयभीत हैं, मंत्री भयभीत हैं, भारत के किसान भयभीत हैं और युवा भयभीत हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में छह लोगों ने अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर मार डाला था. उन्होंने कहा कि मैंने थोड़ा शोध किया और पाया कि चक्रव्यूह को पद्मव्यूह भी कहते हैं, जिसका अर्थ है कमल के फूल के आकार का व्यूह. कमल का फूल जिसे प्रधानमंत्री अपने सीने से लगाकर रखते हैं. उन्होंने एक दावा किया कि 21वीं सदी में एक नया चक्रव्यूह बनाया गया है. वह भी कमल के फूल के आकार का है. प्रधानमंत्री इसका प्रतीक अपने सीने पर पहनते हैं.
अभिमन्यु के साथ जो हुआ वही भारत देश के साथ हो रहा है. देश के युवा, किसान, महिलाएं, छोटे और मध्यम व्यापारी बर्बाद हो रहे हैं. अभिमन्यु को छह लोगों ने मारा था. आज भी चक्रव्यूह के केंद्र में छह लोग हैं. आज भी भारत पर छह लोग नियंत्रण कर रहे हैं- नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी.
बीच में हस्तक्षेप करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि आप संवैधानिक पद पर हैं. आपके कई नेताओं ने मुझे लिखकर दिया है कि जो इस सदन का सदस्य नहीं है उनका नाम नहीं लिया जाये. यह गलत है. विपक्ष के नेता से मैं अपेक्षा करता हूं कि वह सभी नियमों और विनियमों का पालन करेंगे. मैं अपेक्षा करता हूं. आप भले ही पालन न करें, लेकिन मैं आपसे यही अपेक्षा करता हूं.
स्पीकर ओम बिरला के हस्तक्षेप के बाद विपक्ष के नेता ने कहा कि आप चाहें तो मैं एनएसए, अंबानी और अडानी का नाम छोड़ देता हूं और सिर्फ 3 नाम लेता हूं. उन्होंने दोबारा कहा कि आप चाहें तो मैं सिर्फ तीन नाम लेता हूं.
विपक्ष के नेता ने कहा कि बजट ने मध्यम वर्ग पर वार किया है, जिसने प्रधानमंत्री मोदी के कहने पर उत्साह से थालियां बजाईं. राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान कहा कि चक्रव्यूह के पीछे तीन ताकतें हैं:
- एकाधिकार पूंजी का विचार
- राष्ट्र की संस्थाएं और एजेंसियां
- राजनीतिक कार्यपालिका