नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में भारतीय अर्थव्यवस्था पर 'श्वेत पत्र' पेश करने के बाद विपक्षी दलों के कुछ नेताओं ने गुरुवार को केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की.
श्वेत पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयंत जिज्ञासु ने कहा कि 'सरकार हमेशा पिछली सरकारों की आलोचना करती है लेकिन प्रगतिशील विकास के लिए कुछ नहीं करती है.'
उन्होंने कहा कि 'पिछली सरकारों द्वारा कई संस्थान विकसित किए गए और चलाए गए थे लेकिन यह वर्तमान केंद्र सरकार हमेशा पिछले विकास के तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने में लगी रहती है.' कांग्रेस ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट 'एक्स' पर पोस्ट कर आरोप लगाया, 'बीजेपी सरकार का 'श्वेत पत्र'. यूपी में एक महिला को सड़क किनारे बेंच पर बच्चे को जन्म देने के लिए मजबूर होना पड़ा.'
पेश किए गए श्वेत पत्र में कहा गया है कि '2014 में जब हमने सरकार बनाई थी, तब अर्थव्यवस्था नाजुक स्थिति में थी; सार्वजनिक वित्त ख़राब स्थिति में था; वहां आर्थिक कुप्रबंधन और वित्तीय अनुशासनहीनता थी, और व्यापक भ्रष्टाचार था. यह एक संकट की स्थिति थी.' 'तब हमारी सरकार ने खराब स्थिति पर श्वेत पत्र लाने से परहेज किया था. इससे एक नकारात्मक कहानी सामने आती और निवेशकों सहित सभी का विश्वास हिल जाता.'
इसमें कहा गया, 'अब जब हमने अर्थव्यवस्था को स्थिर कर दिया है और इसे पुनर्प्राप्ति और विकास पथ पर स्थापित कर दिया है तो यूपीए सरकार द्वारा विरासत के रूप में छोड़ी गई - प्रतीत होने वाली दुर्गम चुनौतियों को सार्वजनिक डोमेन में रखना आवश्यक है.'