नई दिल्ली: मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर कम्युनिकेशन पेम्मासानी चंद्रशेखर ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि डिजिटल भारत निधि (जिसे पहले यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) के नाम से जाना जाता था) के तहत यूनिवर्सल एक्सेस लेवी के रूप में केंद्र सरकार ने इस साल 31 मार्च तक 1.6 लाख करोड़ रुपये कलेक्ट किए.
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय से आवंटित इस राशि में से केवल 51.4 प्रतिशत यानी 83,726 करोड़ रुपये का ही इस साल 30 सितंबर तक पूरी तरह से उपयोग किया गया है. मंत्री ने डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि द्वारा उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी.1 अप्रैल, 2002 (जब USOF की स्थापना की गई थी, लेकिन 2003 में इसे वैधानिक दर्जा दिया गया था) से 31 मार्च 2024 के बीच यूएसओएफ ने 1,62,871,64 करोड़ जमा किए.
कहां होता है USOF का इस्तेमाल?
बता दें कि यूनिफाइड लाइसेंस शर्तों के तहत दूरसंचार कंपनियां अपने एडजस्ट ग्रोस रेवेन्यु का 5 प्रतिशत UAL के रूप में भुगतान करती हैं. यूएसओएफ का उपयोग देश के वंचित, ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने के लिए किया जाता है.
पेम्मासानी ने लिखित जवाब में बताया कि 1 अप्रैल 2021 से 30 सितंबर 2024 के बीच सरकार ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कुल 22,323.87 करोड़ रुपये वितरित किए. 1 अप्रैल 2021 के बाद से वित्त वर्ष 2024 में 8,791.17 करोड़ रुपये की अधिकतम धनराशि वितरित की गई.