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वन नेशन, वन इलेक्शन: विपक्षी दलों की मांगें मानी गईं, JPC में सदस्य बढ़कर हुए 39 - ONE NATION ONE ELECTION BILL

विपक्षी दल मांग कर रहे थे कि उन्हें भी अपनी बात कहने का मौका मिले. इस वजह से सरकार ने उनकी मांगे मान ली. पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की रिपोर्ट.

ONE NATION ONE ELECTION BILL
जेपीसी में सदस्यों की संख्या बढ़कर हुई 39 (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 11 hours ago

Updated : 11 hours ago

नई दिल्ली: वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर मोदी सरकार ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं. शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित बिल भी पेश किया जा चुका है. जिसे संयुक्त संसदीय समिति(जेपीसी) के पास भेजने के लिए लोकसभा में वोटिंग भी हो चुकी है. वहीं, आज शुक्रवार को इस बिल की समीक्षा के लिए सरकार बड़ी घोषणा करने जा रही है. आज संसद सत्र के आखिरी दिन केंद्र सरकार लोकसभा में एक प्रस्ताव लाएगी.

यह भी जानकारी मिली है कि अब इस समिति में 31 के बजाए 39 सदस्य होंगे. सरकार ऐसा इसलिए कर रही क्योंकि जिन पार्टियों को इसमें जगह नहीं मिल पाई है उन्हें भी अपने विचार रखने का मौका मिल सके. वर्तमान स्वरूप में अब समिति में लोकसभा से करीब 27 और राज्यसभा से 12 सदस्य होंगे.

तमाम पार्टियां इस संयुक्त संसदीय समिति में शामिल होना चाहती थी, जिसके लिए वे मांग भी कर रही थीं. सरकार ने इनकी मांगों को मानते हुए यह फैसला लिया और आठ नए सदस्य और जोड़े हैं. दरअसल शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे और कुछ अन्य दलों ने यह आपत्ति की थी कि उनके दल से किसी भी सदस्य को जेपीसी में शामिल नहीं किया गया है, जिसके बाद सभी राजनीतिक दलों को प्रतिनिधित्व देने के लिए जेपीसी में सदस्यों की संख्या बढ़ाने का सरकार ने फैसला किया.

इन नेताओं को मिली जगह
जेपीसी में नए सदस्यों में शिवसेना UBT से अनिल देसाई, समाजवादी पार्टी से छोटेलाल, बीजेपी से वैजयंत पांडा और संजय जायसवाल, LJP ( रामविलास) से शांभवी चौधरी (बीजेपी) और सीपीएम से के. राधाकृष्णन शामिल हैं.

इस तरह अब लोकसभा से जेपीसी में इतने सदस्य होंगे

  • बीजेपी-12
    कांग्रेस-3
    सपा-2
    टीएमसी-1
    शिंदे सेना-1
    शिवसेना यूबीटी-1
    एनसीपी-1
    एलजेपी-1
    जनसेना-1
    आरएलडी-1
    सीपीएम-1
    डीएमके-1
    टीडीपी-1

इसके साथ ही राज्यसभा से 12 सदस्य होंगे.

कांग्रेस से समिति में लोकसभा से प्रियंका गांधी, सुखदेव भगत और मनीष तिवारी होंगे. ये कमिटी अगले सत्र यानि बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन अपनी रिपोर्ट संसद में पेश करेगी.

परेशानियों का सामना ना करना पड़े
अब जेपीसी में सभी मुख्य दलों की भागीदारी होगी और सरकार भी यही चाहती है कि इन नेशन वन इलेक्शन बिल जब जेपीसी से सदन में आए तो उसे पारित करवाने में ज्यादा परेशानियों का सामना ना करना पड़े और यदि किसी सदस्य की तरफ से आपत्ति भी उठाई जाती है तो सरकार ये जवाब देने सक्षम हो की आपके दल ने ये बात जेपीसी में क्यों नहीं उठाई. वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करने के लिए सूत्रों की मानें तो भाजपा पूरे देश में जनता की राय भी जानने की कोशिश करेगी, मगर मोदी सरकार इस महत्वपूर्ण बिल को हर हालत में लागू करना चाहती है ताकि देश के संसाधनों की बचत की जा सके.

पढ़ें:'वन नेशन-वन इलेक्शन' के लिए JPC गठित, प्रियंका गांधी और अनुराग ठाकुर समेत 31 सदस्य शामिल

Last Updated : 11 hours ago

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