श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला एक दशक बाद जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी की शानदार जीत के बाद केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री उमर ने दो सीटों - बडगाम और गांदरबल से चुना लड़ा और दोनों सीटों पर जीत हासिल की.
विधानसभा चुनाव में एनसी और कांग्रेस गठबंधन ने 48 सीटें जीतीं, जिनमें से ज्यादातर सीटें घाटी के मुस्लिम आबादी वाले जिलों और राजौरी व पुंछ के पीरपंजाल जिलों की हैं. जबकि जम्मू संभाल से भाजपा के 29 विधायक चुने गए हैं.
ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता मीर फरहत के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को गठित होने वाली नई सरकार की प्राथमिकताओं और अन्य मुद्दों के बारे में बात की.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला से एक्सक्लूसिव बातचीत (ETV Bharat) सवाल: 2009 के मुख्यमंत्री और 2024 के सीएम के बीच क्या अंतर होगा?
जवाब: 2009 में हमें एक राज्य के रूप में दर्जा हासिल था, 2024 में हम केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) हैं. उस समय लद्दाख राज्य का हिस्सा था. बहुत से मतभेद हैं.
सवाल: क्या केंद्र शासित प्रदेश की सरकार की शक्तियों में कटौती की गई है?
जवाब:यह पूर्ण सरकार नहीं है, लेकिन इसमें अपनी शक्तियां भी हैं. राज्य सूची की शक्तियों का बड़ा हिस्सा जम्मू-कश्मीर के पास है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह अस्थायी चरण है. प्रधानमंत्री और देश के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाएगा. इसलिए, हम उम्मीद करते हैं कि यह जल्द से जल्द हो.
सवाल: केंद्र की 'विरोधी' सरकार के साथ संबंध के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
जवाब:हम क्यों मान रहे हैं कि एक विरोधी सरकार है. देखते हैं और उम्मीद करते हैं कि ऐसा न हो. मैं स्पष्ट कर दूं कि जम्मू-कश्मीर से कोई विरोध नहीं होगा, और मुझे उम्मीद है कि दिल्ली से भी ऐसा ही होगा. हम लड़ाई नहीं चाहते हैं; मुझे नहीं लगता कि लड़ाई जम्मू-कश्मीर के लोगों के हित में है. उन्होंने लड़ाई के लिए वोट नहीं दिया है; उन्होंने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए वोट दिया है, उनकी समस्याओं का समाधान विरोधी माहौल में नहीं होगा.
सवाल: सरकार में जम्मू जिलों के प्रतिनिधित्व को लेकर क्या कहेंगे ?
जवाब: आप कैसे कह सकते हैं कि वे सरकार का हिस्सा नहीं हैं. यह सरकार सिर्फ उन लोगों के लिए नहीं होगी, जिन्होंने हमें वोट दिया है. यह सरकार सबके लिए है. 140 करोड़ लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी को वोट नहीं दिया, लेकिन वे भारत के प्रधानमंत्री हैं. इसलिए, जम्मू-कश्मीर में 1.4 करोड़ लोगों ने भले ही इस गठबंधन को वोट न दिया हो, लेकिन यह सरकार जम्मू-कश्मीर में सभी के लिए होगी. इस तर्क से यह सरकार श्रीनगर के 70 प्रतिशत लोगों की सरकार नहीं होगी, क्योंकि सिर्फ 30 प्रतिशत लोगों ने वोट दिया है. उन 70 प्रतिशत लोगों की सरकार में आवाज होगी.
सवाल: क्या आपकी सरकार जम्मू क्षेत्र के विधायकों को कैबिनेट में शामिल करेगी?
जवाब:इस सरकार में जम्मू की आवाज होगी. इसकी आवाज कैसी होगी, इसका प्रतिनिधित्व कैसे किया जाएगा, मुझे लगता है कि आपको इसे मुख्यमंत्री पर छोड़ देना चाहिए जो तय करेंगे. लेकिन जम्मू की अनदेखी नहीं की जाएगी.
सवाल: मुख्यमंत्री और उनका मंत्रिमंडल कब शपथ ग्रहण करेगा?
जवाब: नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक दल की बैठक कल (गुरुवार को) है. मुझे नहीं पता कि गठबंधन अपने नेता का औपचारिक ऐलान कब करेगा, लेकिन मुझे उम्मीद है कि अगले एक-दो दिन में ऐलान हो जाएगा. मैं चाहूंगा कि अगले सप्ताह की शुरुआत तक सरकार बन जाए. इंशाअल्लाह, अगर यह मुझ पर छोड़ दिया जाए, तो यह (शपथ ग्रहण) रविवार या सोमवार तक हो जाएगा.
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