पटना : अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में लगातार हंगामा और कार्यवाही स्थगित कराए जाने को गंभीर चुनौती बताया. उन्होंने कहा कि सभी दल को इसमें मदद करनी होगी. बिहार के सम्मेलन में जो फैसले लिए जाएंगे इसका पूरे देश में मैसेज जाएगा.
''सदन के वेल में आना, हंगामा करना और सदन की कार्यवाही स्थागित करवाना यह गंभीर मुद्दा है. इस पर गंभीर चर्चा होने की जरूरत है. सभी दलों को इसमें सहयोग करना पड़ेगा. हम लोगों को गंभीर फैसला यहां से लेकर जाना होगा.''- ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष
2025 में एक देश एक विधान के लक्ष्य को करेंगे पूरा : ओम बिरला ने कहा कि खुशी है कि आज देश के अधिकतम विधानसभा में डिजिटल काम हो रहा है. अब एक प्लेटफार्म पर विधानसभा और लोकसभा की कार्रवाई होगी तो सार्थक चर्चा हो सकेगी. 2025 में एक देश एक विधान के लक्ष्य को पूरा करेंगे.
'बैठकों की घटती संख्या चिंता का विषय' :लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विधानसभा बैठकों की घटती संख्या पर चिंता जतायी. उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने 3 वर्षों तक चर्चा के बाद ऐसा संविधान बनाया है जो न केवल देश की लोकतंत्र की व्यवस्था को मार्गदर्शन कर रहा है, बल्कि दुनिया के लोकतंत्र को मार्गदर्शन दे रहा है. ऐसे में हमें इसे और मजबूत करना है.
''हमारी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. आजादी से पहले और आजादी के बाद पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में कई निर्णय हुए हैं. लोकतांत्रिक संस्था जनता के नजदीक पहुंची. हमने कई अच्छी परंपराएं लागू की, कई अच्छे कानून बनाए. जिससे लोकतंत्र को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका रही.''- ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष
'बिहार शिक्षा और ज्ञान की धरती' : कार्यक्रम के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने बिहार के कई विभूतियों का नाम लिया. उन्होंने कहा कि बिहार की धरती शिक्षा और ज्ञान की धरती है. नालंदा विक्रमशिला यहीं था. इसलिए ज्ञान और अनुभव के माध्यम से हमारे लोकतांत्रिक संस्थाओं को नया संदेश इस धरती से जाने वाला है.