नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार देश के बाकी हिस्सों की तरह पूर्वोत्तर राज्यों के विकास और कनेक्टिविटी पर अधिक ध्यान दे रही है, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) क्षेत्रों को रेल मंत्रालय की 'कवच 4.0' सुरक्षा परियोजना के तहत कवर किया जाएगा.
वैष्णव ने यहां पत्रकारों के एक समूह से बातचीत करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NRF) क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले सभी रेलवे मार्गों को रेल मंत्रालय की 'कवच 4.0' सुरक्षा परियोजना के तहत कवर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कवच 4.0 को पिछले सप्ताह मंजूरी दी गई थी. यह कवच सुरक्षा प्रणाली पूर्वोत्तर राज्यों सहित सभी क्षेत्रों को कवर करेगी.
कवच ट्रेनों के लिए स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया टक्कर रोधी उपकरण है. अब तक रेलवे के 68,000 से अधिक आरकेएम में से 1465 रूट किमी (आरकेएम) पर लगाया जा चुका है. उल्लेखनीय है कि एनएफआर भारतीय रेलवे के 19 रेलवे जोन में से एक है जिसका मुख्यालय गुवाहाटी में है. यह सभी पूर्वोत्तर राज्यों और पूर्वी बिहार और उत्तरी पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में रेल नेटवर्क के संचालन और विस्तार के लिए प्रमुख बिंदु है.
कवच प्रणाली की स्थापना इसलिए भी अहम हो जाती है कि पिछले कुछ महीनों में कई रेल दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें हाल ही में कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना भी शामिल है. इसमें 17 जून को न्यू जलपाईगुड़ी के पास कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और अन्य घायल हो गए थे.
इस तथ्य को स्वीकार करते हुए कि पूर्वोत्तर में स्थितियां अलग हैं, वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे कवच सुरक्षा प्रणाली स्थापित करने के लिए सभी कारकों को ध्यान में रखेगा. रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई है, हमने 2016 से कवच प्रणाली पर काम करना शुरू कर दिया है. 2019 में इस सुरक्षा उपाय को प्रमाणित किया गया और पिछले हफ्ते, हमने कवच 4.0 को मंजूरी दी. उन्होंने कहा कि हम इस प्रणाली को तेजी से लागू करने के लिए इस पर काम कर रहे हैं.
रेल मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में रेलवे गतिविधियों के लिए 10,376 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. वैष्णव के अनुसार, 2024-25 के लिए कुल 2,55,393 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन में से 40 प्रतिशत से अधिक का उपयोग कवच की स्थापना सहित रेलवे की सुरक्षा बढ़ाने के लिए किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूर्वोत्तर में 1,368 किलोमीटर को कवर करने वाली 74,972 करोड़ रुपये की 18 रेलवे परियोजनाएं हैं.
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