मुंबई: शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बुधवार को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर नीति आयोग हुए फेरबदल में शिवसेना (शिंदे गुट) के किसी भी नेता को आयोग में नियुक्त नहीं करने पर तंज कसा.
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि वह सीएम एकनाथ शिंदे की सेना के नेताओं को नीति आयोग से बाहर रखना समझ सकती हैं. साथ ही उन्होंने नीति आयोग को 'अनैतिक सत्ता हथियाने' का प्रयास बताया.
राज्यसभा सांसद ने नीति आयोग में फेरबदल पर छपी अखबार की कटिंग के साथ एक्स पर पोस्ट किया, "पुनर्गठित नीति आयोग में शिंदे सेना के लिए कोई जगह नहीं है. जब 'नीति' का मतलब सिर्फ अनैतिक तरीके से सत्ता हथियाना है, तो एक्सक्लूजन को समझा जा सकता है."
नीति आयोग का पुनर्गठन
बता दें कि एनडीए सरकार ने मंगलवार को नीति आयोग का पुनर्गठन किया, जिसमें चार फुल टाइम सदस्य और 15 केंद्रीय मंत्री शामिल हैं. इसके अलावा इनमें बीजेपी के सहयोगी दल भी शामिल हैं, जो पदेन सदस्य या विशेष आमंत्रित सदस्य हैं. हाल ही में हुए फेरबदल में विशेष आमंत्रित सदस्यों की संख्या पांच से बढ़ाकर 11 कर दी गई.
शिवसेना के नेताओं को नहीं मिली जगह
हालांकि, शिंदे की शिवसेना के नेताओं को इसमें जगह नहीं दी गई, जबकि सहयोगी दलों एचडी कुमारस्वामी (जेडीएस), जीतन राम मांझी (हम), राजीव रंजन सिंह (जेडीयू), केआर नायडू (टीडीपी) और चिराग पासवान (एलजेपी) को भी इसमें जगह मिली है. एनडीए सहयोगियों के अलावा विशेष आमंत्रित सदस्यों में नितिन गडकरी, जेपी नड्डा, अन्नपूर्णा देवी, वीरेंद्र कुमार, जुएल ओराम और राव इंद्रजीत सिंह जैसे बीजेपी मंत्री शामिल हैं.
एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष बने रहेंगे, जबकि अर्थशास्त्री सुमन के बेरी उपाध्यक्ष होंगे. वैज्ञानिक वीके सारस्वत, कृषि अर्थशास्त्री रमेश चंद, बाल रोग विशेषज्ञ वीके पॉल और मैक्रो-अर्थशास्त्री अरविंद विरमानी भी सरकारी थिंक-टैंक के फुल-टाइम सदस्य बने रहेंगे. केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, शिवराज सिंह चौहान और निर्मला सीतारमण पदेन सदस्य होंगे.
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