नई दिल्ली: फॉर्म 17सी डेटा अपलोड करने की मांग वाली याचिका पर कोई निर्देश पारित नहीं करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भारत चुनाव आयोग ने स्वागत किया है. इस संबंध में शनिवार को आयोग ने कहा कि कोई भी डाले गए वोटों के डेटा को नहीं बदल सकता है. साथ ही उसने कहा कि मतदान के दिन फॉर्म 17सी के माध्यम से सभी उम्मीदवारों के मतदान एजेंटों के साथ इसे साझा किया गया. चुनाव निकाय ने कहा कि उसने उस पैटर्न पर ध्यान दिया है जो चुनावी प्रक्रिया को खराब करने के लिए झूठी कहानियां और शरारती डिजाइन तैयार करने में चल रहा है.
चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान प्रतिशत डेटा जारी करने में कोई देरी नहीं हुई है. चुनाव निकाय ने कहा, 'संसदीय निर्वाचन क्षेत्र-वार मतदान प्रतिशत डेटा हमेशा उम्मीदवारों के पास उपलब्ध था और बड़े पैमाने पर नागरिकों के लिए वोटर टर्नआउट ऐप पर पूरे सप्ताह 24 घंटे उपलब्ध था.' आयोग ने अपने स्तर पर सभी पूरे हो चुके चरणों के लिए संसदीय निर्वाचन क्षेत्रवार मतदाताओं की पूर्ण संख्या जारी की. इस बारे में बताया गया कि इसे सभी मतदाताओं के लिए मतदान प्रतिशत लागू करके देखा जा सकता था.