नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में लगातार तीसरी बार एनडीए की सरकार बनने के बाद टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. वहीं, ओडिशा में भाजपा विधायक दल के नेता मोहन चरण माझी ने भी मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और राज्य में पहली बार भाजपा की सरकार बनी. लेकिन दोनों बड़े राजनीतिक कार्यक्रमों में केंद्र और बिहार में भाजपा की सहयोगी पार्टी जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार नजर नहीं आए. नीतीश एनडीए में शामिल चंद्रबाबू नायडू के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल नहीं हुए. जबकि एनडीए के अन्य नेताओं ने नायडू के शपथ ग्रहण में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
नीतीश कुमार के दोनों कार्यक्रमों में शामिल नहीं होने के बाद से सवाल उठ रहे हैं कि क्या एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. विपक्षी दलों ने भी सवाल उठाए हैं. राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि यह नीतीश कुमार का निजी फैसला हो सकता है, लेकिन उनके दोनों राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं होने से बिल्कुल स्पष्ट है कि एनडीए के भीतर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.
वहीं, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि केंद्रीय मंत्रियों के विभागों के बंटवारे में बिहार को दरकिनार किए जाने की वजह से ही एनडीए में दरार जैसी स्थिति बन रही है. लेकिन यह सब इतने जल्दी हो जाएगा...किसी ने सोचा भी नहीं था.