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NIA की मानव तस्करी व साइबर धोखाधड़ी मामले में कई राज्यों में छापेमारी, 5 गिरफ्तार - Human Trafficking Case

एनआईए ने मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी सिंडिकेट का पर्दाफाश करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इस घटनाक्रम की जानकारी एनआईए ने मंगलवार को दी. एंजेसी ने बताया कि एनआईए ने महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में कई ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया.

By ANI

Published : May 28, 2024, 12:50 PM IST

Updated : May 28, 2024, 1:13 PM IST

NIA raid
एनआईए की छापेमारी (फोटो - IANS Photo)

नई दिल्ली:राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कथित तौर पर मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी सिंडिकेट में शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में कई स्थानों पर एनआईए और राज्य पुलिस बलों द्वारा संयुक्त रूप से की गई व्यापक तलाशी के बाद सोमवार को गिरफ्तारियां हुईं.

एनआईए जांच से पता चला है कि आरोपी एक संगठित तस्करी सिंडिकेट में शामिल थे, जो कानूनी रोजगार के झूठे वादे पर भारतीय युवाओं को लुभाने और विदेशों में तस्करी करने में लगे हुए थे. एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि 'राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को जबरन साइबर अपराधों से जुड़े मानव तस्करी के एक मामले में स्थानीय पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कई स्थानों पर तलाशी ली, जिसके कारण पांच आरोपी व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई.'

आरोपियों की पहचान वडोदरा के मनीष हिंगू, गोपालगंज के प्रह्लाद सिंह, दक्षिण पश्चिम दिल्ली के नबियालम रे, गुरुग्राम के बलवंत कटारिया और चंडीगढ़ के सरताज सिंह के रूप में हुई. एनआईए के बयान के अनुसार, एजेंसी ने सभी स्थानों पर राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ एक समन्वित अभियान चलाया.

तलाशी में दस्तावेज़, डिजिटल उपकरण, हस्तलिखित रजिस्टर, कई पासपोर्ट, फर्जी विदेशी रोजगार पत्र आदि सहित कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई. साथ ही, विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों द्वारा 8 नई एफआईआर दर्ज की गई हैं. मुख्य रूप से विदेशी नागरिकों द्वारा नियंत्रित और संचालित रैकेट के हिस्से के रूप में युवाओं को लाओस, गोल्डन ट्रायंगल एसईजेड और कंबोडिया सहित अन्य स्थानों में फर्जी कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि 'उन्हें ऑनलाइन अवैध गतिविधियां करने के लिए मजबूर किया गया, जैसे क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, फर्जी एप्लिकेशन का उपयोग करके क्रिप्टोकरेंसी में निवेश, हनी ट्रैपिंग आदि. जांच से पता चला कि गिरफ्तार आरोपी थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम से लाओस एसईजेड तक भारतीय युवाओं की अवैध सीमा पार करने की सुविधा के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से सक्रिय तस्करों के साथ समन्वय कर रहे थे.'

बयान में आगे कहा गया कि 'वे सुसंगठित सिंडिकेट से जुड़े विदेशी-आधारित एजेंटों के इशारे पर काम कर रहे थे, जो महाराष्ट्र, यूपी, बिहार, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों के कई जिलों में सक्रिय थे.' इसमें कहा गया कि 'ये सिंडिकेट भारत के अन्य हिस्सों के साथ-साथ संयुक्त अरब अमीरात, कंबोडिया, वियतनाम, लाओस एसईजेड आदि जैसे विदेशी देशों में स्थित संचालकों से जुड़े हुए थे.'

Last Updated : May 28, 2024, 1:13 PM IST

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