रांचीः झारखंड के चाईबासा में ग्रामीणों के तेवर को देखकर नक्सली संगठन पीएलएफआई बैकफुट पर आ गया है. चाईबासा के उग्रवाद प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों ने उलगुलान शुरू कर दिया है. पिछले एक सप्ताह के दौरान पीएलएफआई के तीन कैडरों को मौत के घाट उतार दिया गया है. अब आलम यह है कि ग्रामीणों के भय की वजह से पीएलएफआई कैडर ग्रामीण इलाकों में घुसने की हिम्मत भी नहीं कर पा रहे हैं.
पत्र जारी कर पीएलएफआई ने दी सफाई
झारखंड के चाईबासा में ग्रामीणों ने पीएलएफआई के तीन उग्रवादियों को क्या मारा कि पूरा संगठन ही सकते में आ गया है. कल तक जिन लोगों को संगठन अपना कैडर कहता था अब उनके मारे जाने के बाद उन्हीं लोगों को संगठन चोर गिरोह का सदस्य बता रहा है. दिनेश गोप के जेल जाने के बाद पीएलएफआई की कमान संभाल रहे मार्टिन जी ने पत्र जारी कर चाईबासा में आतंक मचाने वालों के बारे में लिखा है कि वे किसी दूसरे गिरोह के हैं. इसकी जांच ग्रामीण के साथ साथ पुलिस भी कर रही है. मार्टिन का लेटर यह साबित करता है कि ग्रामीणों के आक्रोश की वजह से पीएलएफआई की जमीन खिसक गई है.
खूंटी-चाईबासा बॉर्डर पर रहा है पीएलएफआई का आतंक
पीएलएफआई के आतंक का एक पूरा इतिहास है, जो ग्रामीणों के खून से रंगा हुआ है. वर्ष 2020 से पहले खूंटी और चाईबासा बॉर्डर के लगभग 50 से अधिक गांव पीएलएफआई के खौफ के साए में जीते थे. उग्रवादी जब चाहते थे जिसे मार डालते थे, इलाके में विकास के कार्य नहीं करने देते थे. इसी बीच इस इलाके में बड़े पैमाने पर पुलिस के द्वारा अभियान चलाया गया और कई बड़े पीएलएफआई कैडर एनकाउंटर में मार गिराए गए.
साल 2023 में पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को एनआईए की सहायता से नेपाल से गिरफ्तार कर लिया गया. दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद लगा कि अब पीएलएफआई का आतंक खत्म हो गया है. दिनेश गोप के जेल जाने के बाद मार्टिन ने संगठन की कमान संभाल ली. एक बार फिर से खूंटी -चाईबासा के बॉर्डर पर स्थित गांव में पीएलएफआई ने अपना आतंक मचाना शुरू कर दिया.
क्यों शुरू हुआ अभियान
दरअसल 10 दिन पहले पीएलएफआई उग्रवादियों ने चाईबासा के गुदडी इलाके में दो ग्रामीणों की बड़े ही बेरहमी के साथ हत्या कर दी थी. जानकारी मिली थी कि बालू के अवैध कारोबार पर उग्रवादी अपना वर्चस्व कायम करना चाहते थे, जिसे लेकर उन्होंने दो ग्रामीण रवि टाटी और घनसा टोपनो की हत्या कर दी. इस हत्याकांड से ग्रामीणों में उग्रवादियों के खिलाफ इतना गुस्सा भड़का कि सिर्फ गुदडी ही नहीं बल्कि सोनुआ, गोइलकेरा, रनिया और बंदगांव सहित आसपास के कई गांव के हजारों ग्रामीण एकजुट हो गए और उग्रवादियों को घेर कर मारना शुरू कर दिया. ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक उनके द्वारा कुख्यात मेटा टाइगर और गोमिया सहित तीन को मार डाला गया है.
पहली बार नहीं है ये अभियान
आपको बता दें कि ग्रामीणों के द्वारा नक्सलियों को घेर कर मारने की यह पहली घटना नहीं है. 10 साल पूर्व भी झारखंड लिब्रेसन टाइगर्स (जेएलटी) के खिलाफ चाईबासा के चक्रधरपुर में ग्रामीणों ने बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर एक साथ कुल 8 उग्रवादियों को मौत के घाट उतार दिया था.
ग्रामीणों का आक्रोश देख सकते में पीएलएफआई