चंडीगढ़: इस साल 3 अप्रैल को नेशनल वॉकिंग डे यानी राष्ट्रीय पैदल दिवस मनाया जा रहा है. नेशनल वॉकिंग डे की शुरुआत अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने साल 2007 में लोगों को जागरूक करने के लिए की थी. हर साल अप्रैल महीने के पहले बुधवार को इस दिवस को मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को वॉकिंग के बारे में जागरूक करना है, ताकि वो हृदय रोग और स्ट्रोक, मोटापे और डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचे रहें. डॉक्टरों के मुताबिक रोजाना 30 से 40 मिनट तक वॉकिंग कर लोग इस तरह की बीमारियों से काफी हद तक बच सकते हैं.
वॉकिंग हार्ट अटैक ब्रेन स्टोक के खतरे को करती है कम: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान चंडीगढ़ पीजीआई हेल्थ मैनेजमेंट के प्रोफेसर डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया "फिजिकल एक्टिविटी से हम ब्रेन स्टोक और हार्ट अटैक जैसे खतरे को कम कर सकते हैं. फिजिकल एक्टिविटी का सबसे अच्छा साधन पैदल चलना है. इसे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक कर सकते हैं. हर उम्र वर्ग के लोग इसे आसानी से कर सकते हैं. रोजाना पैदल चलने से ना सिर्फ दिल और स्ट्रोक की समस्या दूर होती है. बल्कि इससे हमारी उम्र भी बढ़ती है. करीब 10 हजार लोगों पर की गई रिसर्च में इस बात का पता चला है. अगर कोई इंसान दिन में 8 हजार कदम या उससे ज्यादा चलता है तो उसकी उम्र बाकी के मुकाबले ज्यादा होती है."
रोजाना चलने से मांसपेशियां और हड्डी होती है मजबूत: डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया "अगर किसी को कमर दर्द की शिकायत हो, तो वॉकिंग कर इसे ठीक किया जा सकता है, क्योंकि पैदल चलने से कमर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. इसके अलावा रोजाना पैदल चलने से हड्डियां भी मजबूत होती हैं. जो लोग रोजाना 8 से 10 हजार कदम चलते हैं. उनके अंदर डायबिटीज की बीमारी होने की संभावना भी कम हो जाती है. इस वॉकिंग के जरिए हम बहुत सारी बीमारियों से बच सकते हैं."