वाराणसी :एनडीए संसदीय दल के नेता नरेंद्र मोदी आज तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था. आज शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा. यहां नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. हम आपको बताने जा रहे हैं कि, वह कौन सा शुभ और प्रबल योग है, जिसमें शपथ ग्रहण समारोह होगा, आगामी 5 साल की सरकार पर ग्रह और नक्षत्र का क्या प्रभाव होगा, सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी या खींचतान देखने को मिलेगी?.
ईटीवी भारत की टीम ने काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी से बातचीत की. उन्होंने बताया कि पुनर्वसु नक्षत्र में प्रधानमंत्री आज शपथ लेंगे. यह ज्योतिष दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही अंक ज्योतिष में नौ अंकों की बात करें तो इसका प्रतिनिधित्व मंगल ग्रह को माना जाता है, जो कि ऊर्जा, साहस और वीरता का परिचायक है. इसके साथ ही पीएम मोदी की कुंडली को देखें तो यह वृश्चिक लग्न की है. इसमें स्वामी भी मंगल है.
शुभ फलदायी है शपथ ग्रहण, इन योगों का है समावेश :काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि त्रिवेदी बताते हैं कि आज प्रधानमंत्री नई दिल्ली में शाम 7 से 8 के बीच में शपथ ग्रहण करेंगे. इस दौरान यदि ज्योतिषी नजरिए से योग और नक्षत्र को देखें तो खासा महत्वपूर्ण है. ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी रविवार का आज दिन है. शुभ योग की बात करें तो पुनर्वसु नक्षत्र है. चतुर्थी के साथ रविवार है. वृद्धि रोग योग है. कर्क राशि का स्वग्रही चंद्रमा है. आईजयी, रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग का समावेशन शपथ ग्रहण के दौरान होगा. वहीं धनु लग्न, कर्क राशि की कुंडली बनती है. लग्नेश बृहस्पति भाग्येश सूर्य, षष्ठेस शुक्र तथा सप्तमेश और दशमेश बुद्ध इन सभी चारों की युगती छठे भाव में बनी हुई है. निश्चित रूप से यह कार्यकाल मोदी जी का पूर्ण रूप से सफल होने वाला है.
चातुर्दिक विकास संग भारत के सम्प्रभुता में होगी बड़ी वृद्वि :उन्होंने बताया कि इस कार्यकाल में देश का चातुर्दिक विकास होगा. देश की संरचनात्मक वृद्धि होगी. विदेश नीति मजबूत होगी. तमाम आयुधों का क्रय होगा. इंडस्ट्रीज क्षेत्र में बड़ा विकास होगा. देश की संप्रभुता में सबसे बड़ी वृद्धि होगी. वह बताते हैं कि इस शपथ ग्रहण समारोह की कुंडली के पराक्रम भाव में शनि बैठा है, जिससे निश्चित रूप से 5 सालों में जनता हित के लिए जितने भी कड़े नियम होंगे वह लागू किए जाएंगे. इसके साथ ही यदि हम देखे तो एक मुख्य बात इस कुंडली में है कि, चंद्रमा अष्टम भाव का स्वामी है और अष्टम भाव में बैठा हुआ है. यह एक बहुत बड़ा योग है. साथ ही अन्य कई प्रकार के भी योग हैं जो इस शपथ ग्रहण कार्यक्रम को सफल बनाएंगे और विश्व पटल पर भारत को आगे बढ़ाएंगे.
खींचतान के बावजूद 5 साल चलेगी सरकार :आगे वह बताते हैं कि सरकार की 5 साल चलने को लेकर तमाम तरीके की चर्चाएं हैं. यदि इसको लेकर ग्रह चाल को समझे तो लग्नेश का छठे भाव में बैठना और छठे भाव के स्वामी का छठवें भाव में रहना. यह दो योग बनते हैं जब किसी भी शुभ कार्य को करते हैं तो उसमें बाधाए होती हैं. इस कुंडली के लग्नेश के छठे भाव में बृहस्पति बैठा हुआ है तो विभिन्न बाधाएं तमाम आएंगे, लेकिन छठे भाव का स्वामी शुक्र छठे भाव में बैठा हुआ है, तो उन बाधाओं पर विजय प्राप्त होती हुई भी नजर आएगी.
पुष्प नक्षत्र में पीएम मोदी ने काशी में किया था नामांकन :बताते चले कि इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुष्य नक्षत्र में मंगलवार के दिन 14 में को वाराणसी में अपना नामांकन किया था. इस नक्षत्र को सफलता का परिचायक माना जा रहा था. काशी के ज्योतिषाचार्यों ने इसे यह अति शुभकारी नक्षत्र बताया था. यह पीएम मोदी को फिर से राजसत्ता का भोग दिलाने में गारंटी दे रहा था. काशी के ज्योतिषाचार्यो का कहना था कि उनके नामांकन के दिन पुष्य नक्षत्र के साथ गंगा सप्तमी का भी दिन था, जो उनकी मजबूत संकल्प और मजबूत विश्वास को और भी ज्यादा शसक्त करने वाला था.