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पुनर्वसु नक्षत्र, 9 अंक और मंगल ग्रह...गठबंधन की खींचतान-उठापठक में घिरेंगे मोदी; क्या कार्यकाल पूरा कर पाएंगे पीएम - Narendra Modi oath ceremony auspicious time

नरेंद्र मोदी आज शाम को तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेंगे. वाराणसी के ज्योतिषाचार्य ने इस समय को खास बताया है. ग्रह नक्षत्र के अनुसार सरकार तीसरे कार्यकाल में कई विकास कार्य कराएगी.

नरेंद्र मोदी के लिए आज का दिन बेहद खास है.
नरेंद्र मोदी के लिए आज का दिन बेहद खास है. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 9, 2024, 1:24 PM IST

Updated : Jun 9, 2024, 2:45 PM IST

शुभ मुहूर्त में नरेंद्र मोदी लेंगे शपथ. (VIDEO Credit; Etv Bharat)

वाराणसी :एनडीए संसदीय दल के नेता नरेंद्र मोदी आज तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था. आज शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह होगा. यहां नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. हम आपको बताने जा रहे हैं कि, वह कौन सा शुभ और प्रबल योग है, जिसमें शपथ ग्रहण समारोह होगा, आगामी 5 साल की सरकार पर ग्रह और नक्षत्र का क्या प्रभाव होगा, सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी या खींचतान देखने को मिलेगी?.

ईटीवी भारत की टीम ने काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी से बातचीत की. उन्होंने बताया कि पुनर्वसु नक्षत्र में प्रधानमंत्री आज शपथ लेंगे. यह ज्योतिष दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही अंक ज्योतिष में नौ अंकों की बात करें तो इसका प्रतिनिधित्व मंगल ग्रह को माना जाता है, जो कि ऊर्जा, साहस और वीरता का परिचायक है. इसके साथ ही पीएम मोदी की कुंडली को देखें तो यह वृश्चिक लग्न की है. इसमें स्वामी भी मंगल है.

शुभ फलदायी है शपथ ग्रहण, इन योगों का है समावेश :काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि त्रिवेदी बताते हैं कि आज प्रधानमंत्री नई दिल्ली में शाम 7 से 8 के बीच में शपथ ग्रहण करेंगे. इस दौरान यदि ज्योतिषी नजरिए से योग और नक्षत्र को देखें तो खासा महत्वपूर्ण है. ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी रविवार का आज दिन है. शुभ योग की बात करें तो पुनर्वसु नक्षत्र है. चतुर्थी के साथ रविवार है. वृद्धि रोग योग है. कर्क राशि का स्वग्रही चंद्रमा है. आईजयी, रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग का समावेशन शपथ ग्रहण के दौरान होगा. वहीं धनु लग्न, कर्क राशि की कुंडली बनती है. लग्नेश बृहस्पति भाग्येश सूर्य, षष्ठेस शुक्र तथा सप्तमेश और दशमेश बुद्ध इन सभी चारों की युगती छठे भाव में बनी हुई है. निश्चित रूप से यह कार्यकाल मोदी जी का पूर्ण रूप से सफल होने वाला है.

चातुर्दिक विकास संग भारत के सम्प्रभुता में होगी बड़ी वृद्वि :उन्होंने बताया कि इस कार्यकाल में देश का चातुर्दिक विकास होगा. देश की संरचनात्मक वृद्धि होगी. विदेश नीति मजबूत होगी. तमाम आयुधों का क्रय होगा. इंडस्ट्रीज क्षेत्र में बड़ा विकास होगा. देश की संप्रभुता में सबसे बड़ी वृद्धि होगी. वह बताते हैं कि इस शपथ ग्रहण समारोह की कुंडली के पराक्रम भाव में शनि बैठा है, जिससे निश्चित रूप से 5 सालों में जनता हित के लिए जितने भी कड़े नियम होंगे वह लागू किए जाएंगे. इसके साथ ही यदि हम देखे तो एक मुख्य बात इस कुंडली में है कि, चंद्रमा अष्टम भाव का स्वामी है और अष्टम भाव में बैठा हुआ है. यह एक बहुत बड़ा योग है. साथ ही अन्य कई प्रकार के भी योग हैं जो इस शपथ ग्रहण कार्यक्रम को सफल बनाएंगे और विश्व पटल पर भारत को आगे बढ़ाएंगे.

ज्योतिषाचार्य ने ग्रह-नक्षत्र के बारे में बताया. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

खींचतान के बावजूद 5 साल चलेगी सरकार :आगे वह बताते हैं कि सरकार की 5 साल चलने को लेकर तमाम तरीके की चर्चाएं हैं. यदि इसको लेकर ग्रह चाल को समझे तो लग्नेश का छठे भाव में बैठना और छठे भाव के स्वामी का छठवें भाव में रहना. यह दो योग बनते हैं जब किसी भी शुभ कार्य को करते हैं तो उसमें बाधाए होती हैं. इस कुंडली के लग्नेश के छठे भाव में बृहस्पति बैठा हुआ है तो विभिन्न बाधाएं तमाम आएंगे, लेकिन छठे भाव का स्वामी शुक्र छठे भाव में बैठा हुआ है, तो उन बाधाओं पर विजय प्राप्त होती हुई भी नजर आएगी.

पुष्प नक्षत्र में पीएम मोदी ने काशी में किया था नामांकन :बताते चले कि इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुष्य नक्षत्र में मंगलवार के दिन 14 में को वाराणसी में अपना नामांकन किया था. इस नक्षत्र को सफलता का परिचायक माना जा रहा था. काशी के ज्योतिषाचार्यों ने इसे यह अति शुभकारी नक्षत्र बताया था. यह पीएम मोदी को फिर से राजसत्ता का भोग दिलाने में गारंटी दे रहा था. काशी के ज्योतिषाचार्यो का कहना था कि उनके नामांकन के दिन पुष्य नक्षत्र के साथ गंगा सप्तमी का भी दिन था, जो उनकी मजबूत संकल्प और मजबूत विश्वास को और भी ज्यादा शसक्त करने वाला था.

तीसरी बार हैट्रिक लगाने के साथ चुनाव जीते मोदी :गौरतलब हो कि वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ा था. साल 2014 और 2019 के मुकाबले यह चुनाव बहुत अच्छा नहीं था. मगर जो परिणाम आया वह भाजपा के लिए अच्छा रहा. भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार ने लगातार तीसरी बार यहां से जीत दर्ज कर ली है. इस साल 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 6 लाख 12 हजार 970 वोट मिले हैं, जबकि कांग्रेस (INDI) गठबंधन के अजय राय को 4 लाख 60 हजार 457 वोट मिले हैं. वहीं एक बार फिर बसपा पीछे रही है.

पीएम मोदी ने करीब 1 लाख 52 हजार वोट के मार्जिन से जीत दर्ज की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार इस सीट से अपना सांसद चुनने वाली काशी की जनता ने अजय राय को तीसरी बार हरा दिया है. हालांकि इस बार पीएम मोदी की जीत का मार्जिन कम हो गया है और अजय राय दूसरे नंबर के प्रत्याशी बन गए हैं.

साल 2019 के चुनाव का आंकड़ा :वहीं साल 2019 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 6,74,664 वोट मिले थे, जबकि समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव को 1,95,159 वोट मिले थे. वहीं एक बार फिर 1,52,548 वोटों के साथ अजय राय तीसरे स्थान पर थे. पीएम मोदी ने करीब चार लाख से ज्‍यादा के मार्जिन से जीत दर्ज की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दूसरी बार इस सीट से अपना सांसद चुनने वाली काशी की जनता ने सबसे अधिक 63.59 प्रतिशत वोट दिए थे. यह चुनाव जीतकर नरेंद्र मोदी लगाकार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे.

साल 2014 के चुनाव का आंकड़ा :साल 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को कुल 5,81,022 वोट मिले थे, जबकि दूसरे स्थान पर अरविंद केजरीवाल को 2,09,238 मत मिले थे. कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय 75,614 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे. हालांकि वे जमानत नहीं बचा सके थे. 2014 में कुल 58.35 प्रतिशत वोट पड़े थे. पीएम मोदी ने यहां 3.37 लाख मतों से जीत दर्ज की थी, जबकि पीएम मोदी सहित कुल 27 प्रत्याशियों ने चुनाव में अपनी किस्मत आजमाई थी. यह चुनाव जीतकर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे.

बात बनारस में बीजेपी के रिकॉर्ड बनने की :वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत ने भारतीय जनता पार्टी के हिस्से में एक और रिकॉर्ड जोड़ दिया है. वाराणसी में साल 1952 से लेकर 2024 तक के चुनाव में वाराणसी सीट पर साल 1952 से आम चुनाव हो रहे हैं. तब से लेकर आज तक 17 चुनाव हो चुके हैं. इसमें से 1952, 1957, 1962, 1971, 1980, 1984 और 2004 का चुनाव कांग्रेस जीत सकी है. यानी कुल सात बार कांग्रेस ने वाराणसी सीट पर जीत हासिल की है. वहीं भाजपा ने 1991, 1996, 1998, 1999, 2009, 2014, 2019 और अब 2024 में जीत हासिल की है. ऐसे में भाजपा ने कुल 8 बार वाराणसी की सीट पर जीत दर्ज कर ली है.

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Last Updated : Jun 9, 2024, 2:45 PM IST

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