धार।धार की भोजशाला एक बार फिर चर्चा में है. कई वर्षों से भोजशाला को लेकर विवाद जारी है. यहां पर हिन्दू और मुस्लिम अपना अधिकार जता रहे हैं. जहां हिंदुओं का कहना है कि यहां मां सरस्वती का मंदिर है तो मुस्लिमों का कहना है कि यहां इबादतगाह है. आखिर भोजशाला की सच्चाई क्या, ये अभी तक सामने नहीं आ सका है. मामला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में चल रहा है. अब हाईकोर्ट के निर्देश पर भोजशाला का सर्वे करने के लिए कल यानी शुक्रवार से वहां खुदाई की जाएगी. गौरतलब है कि भोजशाला विवाद में इंदौर खंडपीठ में याचिका की सुनवाई के बाद बीते माह ही सर्वे के आदेश जारी हुए थे.
टीम की देखरेख में कड़ी सुरक्षा के बीच होगी खुदाई
आर्कियोलॉजीकल सर्वे आफ इंडिया की टीम धार पहुंच चुकी है. विशेषज्ञों की देखरेख में खुदाई और सर्वे का काम चलेगा. टीम यह देखना चाहती है कि आखिर इस भोजशाला का निर्माण कब किया गया था. जब निर्माण हुआ था, उस समय भोजशाला का आकार कैसा था. किस शैली के अनुसार यहां निर्माण किया गया. किन पत्थरों का यहां इस्तेमाल किया गया और पत्थरों पर क्या निशान थे. खुदाई व सर्वे करने के बाद टीम अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपेगी. बता दें कि भोजशाला का विवाद करीब एक हजार साल से चल रहा है.
दावा है कि राजा भोज ने कराया था निर्माण
जहां हिंदुओं का कहना है कि भोजशाला का निर्माण राजा भोज ने कराया था. उस समय भोजशाला शिक्षा का बड़ा केंद्र थी. इसके बाद राजवंश काल में ही यहां सूफी संत कमाल मौलाना की दरगाह बन गई. बता दें कि आर्कियोलॉजीकल सर्वे आफ इंडिया ने भोजशाला का 1902 में भी सर्वे किया था. इसकी भी पूरी जानकारी कोर्ट के समक्ष पेश की गई. उस समय के सर्वे में ये मिला था कि भोजशाला की वास्तुकला भारतीय शैली से मिलती-जुलती है. यहां पर हिंदुओं के चिह्न के साथ ही संस्कृत के शब्द पाए गए. सर्वे से पहले धार कलेक्टर व एसपी से कहा गया है कि टीम को फोर्स उपलब्ध कराएं. टीम को 29 अप्रैल से पहले कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है.
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