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सावधान ! नशा करने वाले युवाओं में फैल रही गंभीर बीमारियां, सर्वे में बड़ा खुलासा - DRUG ADDICTION

एक सर्वे में पता चला है कि कश्मीर घाटी में हेरोइन का नशा करने वाले ज्यादातर युवा गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं. परवेजुद्दीन की रिपोर्ट.

most of young drug addict found to be suffering from Hepatitis and HIV in Kashmir survey reveals
सावधान ! नशा करने वाले युवाओं में फैल रहीं गंभीर बीमारियां, सर्वे में बड़ा खुलासा (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 2, 2024, 9:54 PM IST

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में खतरनाक मादक पादर्थ हेरोइन के सेवन से जहां युवा बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं, वहीं हजारों युवाओं की जिंदगी दूसरे नशे की लत में फंसकर बर्बाद हो रही है. हेरोइन का इंजेक्शन लेना यहां आम बात हो गई है, जिसके चलते नशा करने वाला हर तीसरा युवा हेपेटाइटिस सी की बीमारी से भी ग्रसित पाया जाता है.

हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण में पता चला है कि क्षेत्र में नशा करने वाले 21 फीसदी युवाओं में से 90 फीसदी हेरोइन का सेवन कर रहे हैं, जबकि 10 फीसदी अन्य नशीले पदार्थ का सेवन कर रहे हैं. ऐसे युवा एचआईवी का भी शिकार हो रहे हैं. इनमें से 19 फीसदी 18 से 20 साल, 35 फीसदी 20 से 30 साल और 7 फीसदी 30 साल से ज्यादा उम्र के हैं.

नशा मुक्ति केंद्र के प्रभारी डॉ. यासिर राथर का कहना है कि नशे के आदी लोगों की संख्या में बढ़ोतरी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हर दिन 10 से 15 नए नशे के आदी लोग इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होते हैं, जिनमें युवा भी शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में युवा ब्राउन शुगर और हेरोइन का इस्तेमाल फाइल या इंजेक्शन के रूप में करते हैं.

ग्रामीण युवा ज्यादा प्रभावित
शोध में यह भी साबित हुआ है कि इनमें से 59 फीसदी ग्रामीण और 41 फीसदी युवा शहरी क्षेत्रों से ताल्लुक रखते हैं. श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में स्थापित नशा मुक्ति केंद्र के आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक 51 हजार से अधिक युवाओं का उपचार किया गया. इनमें 1565 युवा ऐसे थे, जिन्होंने पहली बार केंद्र में अपना नाम दर्ज कराया जबकि 50 हजार 327 युवा पहले से उपचार करा रहे थे.

लीवर पर हेपेटाइटिस सी का असर...
मार्च 2022 से मार्च 2023 तक श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के नशा मुक्ति केंद्र में 41,000 से अधिक नशे के आदी युवाओं का उपचार किया गया, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं. केंद्र के प्रभारी डॉ. यासिर राथर का कहना है कि हेरोइन का इंजेक्शन लगाने के दौरान सुई शेयर करने से नशा करने वालों के लीवर पर हेपेटाइटिस सी का असर हो रहा है जबकि एचआईवी की संभावना अभी भी बनी हुई है.

जीएमसी श्रीनगर के नशा मुक्ति केंद्र में आए एक युवा आबिद (बदला हुआ नाम) ने बताया, "मैं पिछले कई सालों से हेरोइन का आदी था. पहले तो मैं अपने दोस्तों को देखकर यह नशा करना चाहता था और एक बार मुझे हेरोइन की लत लग गई. जब मैंने इसका सेवन किया तो मैं इसका आदी हो गया. पहले तो मेरे दोस्त मुझे मुफ्त में हेरोइन देते थे, उसके बाद मैंने सारे पैसे हेरोइन पर खर्च कर दिए.

सारी बचत नशे पर खर्च कर दी...
एक अन्य 30 वर्षीय युवक ने बताया, "मेरा रोजाना हेरोइन पर खर्च करीब 14,000 से 15,000 रुपये था और इस दौरान मैंने अपनी सारी बचत नशे पर खर्च कर दी. ऐसे में नशे की लत में न सिर्फ पैसे बल्कि इज्जत भी मिट्टी में मिल जाती थी."

जीएमसी श्रीनगर के मनोविज्ञान विभाग द्वारा हाल ही में किए गए एक शोध में भी यह बात सामने आई है कि 'नालट्रेक्सोन' (Naltrexone) नामक दवा नशे की लत को कम करने में कारगर साबित हो रही है.

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