हैदराबाद :शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है. हिंदू धर्म की बात करें तो इस बंधन को सबसे पवित्र और अहम माना जाता है, लेकिन आज के समय में यह रिश्ता भी आम रिलेशन की तरह हो गया है. शादी के बंधन में बंधते समय कपल हर सुख-दुख में साथ रहने की कसमें खाते हैं. बावजूद इसके आजकल तलाक के काफी ज्यादा केस देखने को मिल रहे हैं. हम सभी को पता है कि जब दो लोग शादी के बंधन में जुड़ते हैं तो कुछ चीजें मेल खाती है और कुछ नहीं. ऐसे में विचारों को लेकर थोड़ा मतभेद हो सकता है. हालांकि कई बार विचार न मिलने से नौबत तलाक तक पहुंच जाती है. जानिए तलाक के मामले क्यों बढ़ रहे हैं.
आर्थिक कारणों से टूट रहे रिश्ते: वर्तमान समय में पैसा किसी न किसी रूप में तलाक का मुख्य कारण है. आर्थिक तंगी के कारण कुछ रिश्ते टूट रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक आजादी के नाम पर कुछ जोड़े एक-दूसरे के प्रति गैरजिम्मेदार होते जा रहे हैं. ऐसी असहमति विवादों में बदल जाती हैं और अंततः पति-पत्नी के रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच जाते हैं.
आपसी विश्वास की कमी : शादी का रिश्ता विश्वास पर टिका होता है. तलाक का दूसरा बड़ा कारण आपस में मिलने वाला धोखा है. कई बार देखा जा रहा है कि पार्टनर एक-दूसरे को धोखा (चीट) दे रहे हैं. धोखा रिश्ते में असुरक्षा की भावना पैदा कर देता है, जिसके कारण पति-पत्नी के बीच कलह होने लगती है. टूटे दिल वाले पार्टनर एक साथ नहीं रह पाते और रिश्ते को अलविदा कह देते हैं.
प्यार की कमी: पति-पत्नी के बीच प्यार की कमी भी तलाक का एक कारण है. शादी के शुरुआती दिनों में आकर्षण के कारण भले ही जोड़े एक-दूसरे के प्रति प्यार दिखाते हों, लेकिन लंबे समय तक यह प्यार बना नहीं रहता. समय के साथ और संतान होने के पर जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं. व्यक्तिगत समस्याओं के कारण भी धीरे-धीरे आकर्षण खत्म होने लगता है. नतीजा पति-पत्नी में झगड़े होने लगते हैं और रिश्ता नफरत में बदल जाता है.