जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी नई दिल्ली: ईद-उल-फितर इस्लाम का बड़ा त्योहार है. इसे ईद या रमजान ईद के नाम से जाना जाता है. ईद-उल-फितर को रमजान के पाक महीने के अंत का प्रतीक माना जाता है. रमजान में मुस्लिम समाज के लोग रोजा रखते हैं और पवित्र कुरान पढ़ते हैं.
सऊदी अरब, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा आदि के लोगों ने 11 मार्च 2024 से रोजा रखना शुरू किया था. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रमजान साल का नौवां महीना होता है. इस एक महीने में 29 या 30 दिन होते हैं. इस साल रमजान के 29 दिन पूरे होने के बाद भी इन देशों में 9 अप्रैल को ईद का चांद नहीं दिखा. इसलिए इस बार रमजान का महीना पूरे 30 दिन का होगा. भारत में 12 मार्च 2024 से रोजा रखना शुरू किया गया था. इसलिए भारत में 10 अप्रैल को ईद-उल-फितर का चांद दिख सकता है. इसे देखते हुए भारत में 11 अप्रैल को ईद-उल-फितर का पर्व मनाया जाएगा.
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने मस्जिद से इस बात का एलान किया है कि आज सऊदी अरब, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा आदि देशों में चाँद नहीं दिखा है. लिहाजा, भारत में ईद-उल-फितर 11 अप्रैल को मनाई जाएगी. आज हिंदुस्तान के तमाम राज्यों में लोगों से बात करके जानकारी इकट्ठा की गई है कि कहीं भी चाँद नहीं दिखा है. इनमें उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हैदराबाद, मध्य प्रदेश, वेस्ट बंगाल, कर्नाटक, बिहार और महाराष्ट्र शामिल हैं.
जामा मस्जिद के पास मौजूद बाज़ारों में खरीदारी करने वाले लोगों की भीड़ बढ़ गई है. ईद-उल-फितर के दिन जामा मस्जिद में भारी संख्या में लोगों के जुटने के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं.
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