नई दिल्ली/देहरादून:दिल्ली में बीजेपी ने सत्ता का रण जीत लिया है. पूरे 27 साल बाद बीजेपी की दिल्ली की सत्ता में वापसी हुई है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड मूल के 9 नेताओं ने भी ताल ठोकी थी. आइए हम आपको बताते हैं कि इन 9 उम्मीदवारों में से कौन-कौन विजयी होकर दिल्ली विधानसभा में पहुंचे हैं.
सबसे पहले बात करते हैं बीजेपी उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट की-
मुस्तफाबाद सीट से जीते मोहन सिंह बिष्ट: उत्तराखंड मूल के मोहन सिंह बिष्ट दिल्ली की राजनीति में जाना माना नाम हैं. मोहन बिष्ट 5 बार करावल नगर सीट से विधायक रहे हैं. इस बार बीजेपी ने उनको मुस्तफाबाद सीट से चुनाव मैदान में उतारा. काफी वाद-विवाद हुआ. मोहन सिंह बिष्ट करावल से ही चुनाव लड़ना चाहते थे. जब उनकी नाराजगी दूर नहीं हुई तो, मोहन सिंह बिष्ट को बीजेपी के के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मना पाए. पार्टी के विश्वास पर मोहन सिंह बिष्ट खरे उतरे. उन्होंने मुस्तफाबाद सीट से जीत हासिल कर ली. मोहन सिंह बिष्ट ने आम आदमी पार्टी के अदील अहमद खान को हराया है.
पटपड़गंज से जीते बीजेपी के रविंद्र सिंह नेगी: 2020 के चुनाव में मनीष सिसोदिया को कड़ी टक्कर देने वाले रविंद्र सिंह नेगी को बीजेपी ने इस बार भी पटपड़गंज सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. रविंद्र ने पार्टी को निराश नहीं किया और ये सीट बीजेपी की झोली में डाल दी. दिलचस्प बात ये है कि रविंद्र सिंह नेगी ने पटपड़गंज से कोचिंग सेंटर चलाने वाले अवध ओझा को हराया है. कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व विधायक और पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को टिकट दिया था. रविंद्र नेगी अभी विनोद नगर से पार्षद भी हैं. रविंद्र नेगी ने आम आदमी पार्टी के अवध ओझा को 23 हजार 280 वोटों से करारी शिकस्त दी.
रविंद्र नेगी के पीएम मोदी ने तीन बार छुए थे पैर: बीजेपी को पटपड़गंज सीट से जीत दिलाने वाले रविंद्र सिंह नेगी वही हैं, जिनके पीएम मोदी ने 3 बार पैर छुए थे. इस घटना से वो एकदम से देश भर में चर्चा में आ गए थे. दरअसल चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे पीएम मोदी के पैर रविंद्र सिंह नेगी ने छुए थे. इस पर पीएम मोदी ने उन्हें रोककर 3 बार उनके पैर छू लिए थे. दरअसल रविंद्र सिंह नेगी उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित बागेश्वर धाम के रहने वाले हैं. पीएम मोदी की बागेश्वर बाबा में अगाध श्रद्धा है. इसलिए उन्होंने रविंद्र सिंह नेगी के पैर छुए थे.
हरिनगर से प्रेम बल्लभ थे कांग्रेस उम्मीदवार:दिल्ली की हरिनगर सीट से कांग्रेस ने उत्तराखंड मूल के प्रेम बल्लभ (प्रेम शर्मा) को मैदान में उतारा था. लेकिन प्रेम चुनाव नहीं जीत सके.
योगेश्वर सिंह बिष्ट ने बसपा के टिकट पर लड़ा चुनाव:BJP से बगावत करने वाले योगेश्वर सिंह बिष्ट को बसपा ने महरौली सीट से टिकट दिया. योगेश्वर बीजेपी युवा मोर्चा में प्रदेश पदाधिकारी और आरएसएस में विभिन्न दायित्वों पर रहे हैं. लेकिन वो चुनाव हार गए. इसी सीट पर उत्तराखंड मूल के महावीर सिंह ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ा. वो भी हार गए.
इनके अलावा बुराड़ी से प्रेमा रावत, करावल नगर से अजय सिंह नेगी, संगम विहार से सुधीर नेगी और देवली (सुरक्षित) से बचन राम भी चुनावी मैदान में उतरे. लेकिन इन्हें भी हार का सामना करना पड़ा.
दिल्ली में लाखों की संख्या में उत्तराखंडी वोटर: दिल्ली में 18 लाख से ज्यादा उत्तराखंड मूल के वोटर हैं. इनमें नई दिल्ली, आरके पुरम, तिमारपुर, कस्तूरबा नगर, बदरपुर, संगम विहार, देवली, पालम, द्वारका, किराड़ी, बुराड़ी, घोंडा, करावल नगर और पटपड़गंज में बड़ी संख्या में उत्तराखंड के लोग रहते हैं. इसके साथ ही लक्ष्मी नगर, त्रिलोकपुरी, शाहदरा, सीमापुरी, रोहिणी, छतरपुर और महरौली विधानसभा सीटों में भी उत्तराखंडी मतदाताओं की संख्या लाखों में है.
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