नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति ने बुधवार को राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 10 राज्यों में 12 नए औद्योगिक स्मार्ट शहरों की स्थापना को मंजूरी दी. इन परियोजनाओं पर 28,602 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश होगा. 10 राज्यों में फैली और छह प्रमुख गलियारों के साथ रणनीतिक रूप से नियोजित ये परियोजनाएं भारत की विनिर्माण क्षमताओं और आर्थिक विकास को बढ़ाने की दिशा में बड़ी छलांग साबित हो सकती हैं.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि ये औद्योगिक स्मार्ट शहर उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा व प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओर्वाकल (Orvakal) व कोपार्थी और राजस्थान के जोधपुर-पाली में विकसित किए जाएंगे.
10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार की संभावनाएं
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि औद्योगिक शहरों से करीब 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार और 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार की संभावनाएं पैदा होंगी, क्योंकि रोजगार पर काफी फोकस रहेगा. उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर से मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां भारत की ओर शिफ्ट हो रही हैं. चाहे इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हो, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हो या डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग, ये सभी भारत की ओर शिफ्ट हो रहे हैं. नई औद्योगिक क्षेत्र परियोजनाओं से इसका लभा उठाया जा सकता है.
रणनीतिक निवेश
इन परियोजनाओं के अहम बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए वैष्णव ने बताया कि एनआईसीडीपी को बड़े प्रमुख उद्योगों और सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) दोनों से निवेश की सुविधा प्रदान करके एक जीवंत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किया गया है. ये औद्योगिक शहर 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात को प्राप्त करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगे, जो सरकार के आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारत के दृष्टिकोण को मजबूत करेगा.