आइजोल : मिजोरम विधानसभा चुनावों में नवंबर 2023 में अपनी जीत के पांच महीने बाद ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) अपना पहला संसदीय चुनाव लड़ेगा. राज्य की एकमात्र सीट के लिए लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा.
दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा अधिकारी रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी मुख्यमंत्री लालडुहोमा के नेतृत्व में 2018 के विधानसभा चुनावों से ठीक पहले गठित जेडपीएम ईसाई बहुल मिजोरम में 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 7 नवंबर 2023 को हुए चुनावों में 27 सीटें हासिल करके पहली बार सत्ता में आया.
उग्रवादी संगठन से राजनीतिक दल बने मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) (महज 10 सीटें) को विधानसभा चुनाव में अपमानजनक हार का स्वाद चखाने वाला जेडपीएम एक बार फिर संसदीय चुनावों में कांग्रेस के अलावा एमएनएफ से मुकाबला करेगा. कांग्रेस और एमएनएफ दोनों ने 20 फरवरी 1987 को देश का 23वां राज्य बनने के बाद से मिजोरम पर कई वर्षों तक शासन किया था.
राज्य से सांसद रहे, मुख्यमंत्री लालडुहोमा ने 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले और बाद में घोषणा की थी कि उनकी जेडपीएम न तो कांग्रेस के नेतृत्व वाले 'I.N.D.I.A' ब्लॉक और न ही भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ गठबंधन करेगी. एमएनएफ की तरह, जेडपीएम भी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम और समान नागरिक संहिता का कड़ा विरोध करता है और मिज़ो परंपरा, संस्कृति और जातीयता से संबंधित मुद्दों को उठाने का वादा करता है. मिजोरम की एकमात्र लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए आरक्षित है. राज्य की 12 लाख की आबादी का लगभग 95 प्रतिशत इसी समुदाय से है.
मिजोरम के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मधुप व्यास ने कहा कि पिछले कुछ दशकों से राज्य में महिला मतदाताओं की संख्या उनके पुरुष समकक्षों से अधिक है. इस प्रकार वे पहाड़ी राज्य में प्रत्येक चुनावी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.