नई दिल्ली : ममता बनर्जी सरकार द्वारा प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए पांचवीं बार आमंत्रित किए जाने की पृष्ठभूमि में, सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक रेजिडेंट डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से संबंधित मामले की सुनवाई करेगा.
डॉक्टरों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है. सोमवार को राज्य सरकार ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को पांचवीं और अंतिम बार बातचीत के लिए आमंत्रित किया. बता दें कि लाइव-स्ट्रीमिंग जैसे कई मुद्दों पर असहमति के कारण पिछली बैठकें रद्द कर दी गई थीं.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि रेजिडेंट डॉक्टर सुप्रीम कोर्ट द्वारा शाम 5 बजे तक काम पर लौटने के निर्देश के बावजूद अपनी हड़ताल जारी रखे हुए हैं. 10 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से कहा था कि वे राज्य सरकार की दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए काम पर लौट आएं. राज्य सरकार ने दावा किया था कि डॉक्टरों के काम से अनुपस्थित रहने के कारण 9 सितंबर तक 23 मरीजों की मौत हो गई थी. 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या की शिकार ट्रेनी डॉक्टर के पोस्टमार्टम के लिए जरूरी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज की अनुपस्थिति के बारे में भी चिंता व्यक्त की थी और सीबीआई से मामले की जांच करने को कहा था.
जूनियर डॉक्टरों के लगातार विरोध और बड़े पैमाने पर जन आक्रोश के बीच प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने उसके समक्ष पेश किए गए रिकॉर्ड में ‘चालान’ की गैर-मौजूदगी पर नौ सितंबर को चिंता जताई थी, जो उस प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजे जाने के संबंध में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज था, जिसकी आरजी कर अस्पताल में कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी.