मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के वरिष्ठ नेता और राज्य कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है. फडणवीस ने शनिवार देर रात संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही इस पर स्पष्टीकरण दे पाएंगे. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने शनिवार को खुलासा किया कि उन्होंने पिछले साल 16 नवंबर को राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
उन्होंने अपनी ही सरकार पर मराठा समुदाय को ओबीसी कोटा में 'पिछले दरवाजे से' आरक्षण देने का आरोप लगाया है. भुजबल ने कहा कि वह दो महीने से अधिक समय तक चुप रहे, क्योंकि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने उन्हें इस बारे में नहीं बोलने के लिए कहा था. फडणवीस ने पत्रकारों से कहा, 'मुख्यमंत्री इस पर स्पष्टीकरण दे पाएंगे, लेकिन मैं अभी केवल इतना ही कह सकता हूं कि भुजबल का इस्तीफा मैंने या मुख्यमंत्री ने स्वीकार नहीं किया है.'
शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता एवं सांसद संजय राउत ने भुजबल के इस खुलासे को 'बेकार की बात' करार दिया कि उन्होंने राज्य मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा पिछले साल नवंबर में दे दिया था. राउत ने कहा, 'ऐसा बताया जा रहा है कि (कार्यकर्ता) मनोज जरांगे द्वारा मराठा आरक्षण आंदोलन चलाने के खिलाफ भुजबल के गुस्से के पीछे (उपमुख्यमंत्री) देवेंद्र फडणवीस का हाथ है. दोनों मिले हुए हैं. मैं इस्तीफा दे दूंगा लेकिन आप इसे स्वीकार नहीं करेंगे या आप इस्तीफा दे देंगे लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे.'