हजारीबागः सिर पर दो काली पट्टी, पानी में ऐसे उतरते हैं मानो कोई फाइटर जेट लैंड कर रहा है. इनकी काबिलियत ऐसी कि ये पानी में दौड़ भी लगा सकते हैं और पानी में दौड़ते हुए वे हवा में उड़ान भरते हैं. ये और कोई नहीं विश्व की सुंदर प्रजाति की पक्षियों में से एक राजहंस है, जिसे बार हेडेड गीज भी कहा जाता है. ये मेहमान अपने देश से झारखंड पहुंचे हैं.
हजारीबाग जिला के कोने-कोने में प्राकृतिक सुंदरता बसी है. भौगोलिक स्थिति और प्राकृतिक सुंदरता के कारण विदेशी पक्षी भी आकर्षित होकर हजारीबाग पहुंचे हैं. ठंड के समय कई प्रवासी पक्षी दूसरे देश से हजारीबाग पहुंचते हैं. इस बार राजहंस का एक छोटा समूह हजारीबाग पहुंचा है. राजहंस की सुंदरता कुछ ऐसी है कि कवि भी इसकी सुंदरता का बखान कर चुके हैं. किस्मत वालों को ही इस पक्षी का दीदार होता है. आज ईटीवी भारत आपको विश्व की सबसे सुंदर पक्षियों में से एक राजहंस का दीदार करवाने जा रहा है.
हजारीबाग के छड़वा डैम में सरपट्टी राजहंस (Bar-headed geese) का छोटा समूह आ गया है. जिसे बार हेडेड गीज के नाम से भी जाना जाता है. राजहंस विंटर विजिटर माइग्रेटरी बर्ड हैं. विंटर विजिटर के रूप में आने वाले जलीय पक्षी राजहंस बड़े आकार के पक्षियों में से एक है. हजारीबाग के विभिन्न जलाशय में इनका आगमन मंगोलिया और उसके आसपास से होता है. इस पक्षी की खासियत यह है कि हिमालय के ऊपर से उड़कर भारत पहुंचते हैं. ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले पक्षियों में राजहंस दुनिया भर तीसरा स्थान रखता है.
हिमालय की चोटी पार करके आते हैं राजहंस
राजहंस 29000 फीट की ऊंचाई पर तेजी से उड़ान भरते हैं. सबसे ऊंचाई पर उड़ान भरने वाला पक्षी रफल्स ग्रीफोन वल्चर (37000 फीट) है. दूसरे नंबर पर सारस (33000 फीट) है. राजहंस को मंगोलिया से हजारीबाग पहुंचने में 3 दिन लगता है. हजारीबाग से मंगोलिया की हवाई दूरी 3100 किलोमीटर है. मंगोलिया से हजारीबाग आने की पुष्टि वाटर बर्ड सेंसस में तीन बार हो चुका है. 2015 और 2022 में टैग लगा राजहंस बर्ड वाचर्स को मिला था. हरे रंग के लगे टैग से ही यह पहचान हुई कि विदेशी पक्षी राजहंस है.