नई दिल्ली: नई दिल्ली: भारत ने सोमवार को उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि फरक्का बैराज के 109 गेट खोले जाने से एक दिन में 11 लाख क्यूसेक पानी बांग्लादेश में प्रवेश करेगा. गौरतलब है कि बांग्लादेश ने आठ जिलों में बाढ़ के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है.
सूत्रों के अनुसार, बैराज के गेट खोलने से पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और बांग्लादेश में बाढ़ का खतरा है. फरक्का बैराज के बारे में मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने फरक्का बैराज के गेट खोले जाने की मीडिया रिपोर्ट देखी है, जिससे नदी के निचने हिस्से की ओर 11 लाख क्यूसेक से अधिक पानी अपने प्राकृतिक मार्ग से गंगा या पद्मा नदी में प्रवाहित हो सकेगा."
जायसवाल ने कहा कि यह सामान्य मौसमी घटनाक्रम है, जो गंगा नदी बेसिन के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा से बढ़े जलप्रवाह के कारण होता है. उन्होंने कहा, "यह समझना होगा कि फरक्का सिर्फ एक बैराज है, न कि कोई बांध. जब भी पानी का स्तर तालाब के स्तर तक पहुंचता है, उसके बाद जो भी पानी आता है, वह बह जाता है. यह बैराज केवल 40,000 क्यूसेक पानी को फरक्का नहर में मोड़ने के लिए बनाया गया है, जिसे मुख्य गंगा या पद्मा नदी पर गेटों की प्रणाली का उपयोग करके सावधानीपूर्वक किया जाता है, जबकि शेष पानी मुख्य नदी में बहकर बांग्लादेश चला जाता है."