बरेली: बरेली में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने बुधवार को एक बार फिर सामूहिक निकाह कराने का ऐलान कर विवाद को जिंदा कर दिया है. सोमवार को पहले रजा ने धर्म परिवर्तन कराने का ऐलान किया था. लेकिन हिन्दू संगठनों के कड़े विरोध और प्रशासन की ओर से कार्यक्रम की इजाजत नहीं मिलने के बाद मंगलवार शाम होते उनके तेवर ढीले पड़ गए और पत्र जारी कर कार्यक्रम स्थगित करने की जानकारी दी. लेकिन एक बार फिर तौकीर रजा की घोषणा से बवाल मचना तय है.
दरअसल तौकीर रजा खान ने एक बार फिर सामूहिक निकाह के कार्यक्रम को करने की बात तो कही लेकिन इस बार धर्म परिवर्तन कराने की बात को नकार दिया है. उन्होंने ऐलान किया है कि, अगर जिला प्रशासन उनको परमिशन नहीं देता है. तो उसका कारण प्रशासन को बताना होगा. फिलहाल उनका सामूहिक निकाह का कार्यक्रम निश्चित तारीख पर किया जाएगा. लेकिन उसमें कोई धर्म परिवर्तन नहीं होगा. 2 दिन पहले मौलाना तौकीर रजा खान ने सामूहिक धर्म परिवर्तन और निकाह के कार्यक्रम का ऐलान किया था. लेकिन मंगलवार देर शाम एक पत्र जारी कर खुद के कार्यक्रम को स्थगित करने की जानकारी दी थी.
बता दें कि, आईएमसी के प्रमुख ने सोमवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए ऐलान किया था कि, 23 हिंदू युवक युवतियों के आवेदन पत्र आए हुए हैं. जिनमें पांच जोड़ों का 21 जुलाई को सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन कराकर निकाह कराया जाएगा. इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि, 5 जुलाई को धर्म परिवर्तन करने वाले युवक युवतियों पहले से लिविंग रिलेशनशिप में रह रहे हैं. पर रीति रिवाज से सामाजिक रूप से उनका धर्म परिवर्तन कराकर निकाह कराया जाएगा और इसकी परमिशन भी जिला प्रशासन से मांगी गई है.
आईएमसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खां ने बुधवार को अपने आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि, मैंने जो बयान दिया था उसे गलत अंदाज में पेश किया गया है. मैंने कहा था कि, जिन लोगों ने पहले धर्म परिवर्तन कर लिया है, लेकिन निकाह नहीं हुआ है. लिव इन में रह रहे हैं और लिव इन में रहना हिंदू और मुसलमान दोनों समाज में गलत समझा जाता है. तो ऐसे लोगों का 21 तारीख को सामूहिक निकाह कराया जाएगा और इसके लिए हमने परमिशन मांगी है. परमिशन अभी हमें नहीं मिली है लेकिन मैं यह समझता हूं, सामूहिक विवाह के कार्यक्रम सभी लोग करते रहे हैं मुझे परमिशन देने में इस तरह का गुरेज क्यों किया जा रहा है.