बेगूसराय : भारत के स्वतंत्रता इतिहास में अनगिनत ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपनी आहुति देकर देश को आजाद कराया. शहीदों के इतिहास में कुछ नाम चर्चित हुए तो कुछ गुमनाम रहे. पर देश का बच्चा-बच्चा अपनी मातृभूमि के लिए शहीद वीर सपूतों को न सिर्फ अपना श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं बल्कि शहीदों की पूजा अर्चना भी करते हैं. बेगूसराय में देश का ऐसा मंदिर है जहां देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले वीर शहीद और देश के नव निर्माण में अपना योगदान देने वाले महापुरुषों की पूजा अर्चना देवी-देवताओं के समान की जाती है.
देवी देवता की तरह पूजे जाते हैं शहीद : गांव के देवालय में देवी-देवताओं की स्थापित प्रतिमाओं के बीच शहीदों की आदम कद प्रतिमा को यहां न सिर्फ पूजा जाता है, बल्कि लोग इनसे अपने मन की मुराद भी मांगते हैं. मान्यता है कि इनसे मांगी गईं हर मुरादें भी पूरी हाेती है. दिलचस्प बात यह है कि हिंदू हो या मुस्लिम देश सेवा का भाव रखने वाले नौजवान, डिफेंस की तैयारी करने से पूर्व यहां आते है. जहां पूजा अर्चना के बाद अपनी सफलता के लिए मन्नत मांगते हैं और उसी दिन से तैयारी में जुट जाते हैं.
मुस्लिम हो या हिन्दू सभी झुकाते हैं शीश : शहीदों के ग्रामीणों की माने तो दर्जनों ऐसे उदाहरण है जहां हिंदू और मुस्लिम लड़के देश और बिहार सरकार में अपनी सेवा दे रहें हैं. इसमें दूसरे जिला के लोग भी आशीर्वाद लेने आते हैं. जिसके बाद वो इसकी तैयारी में जुट जाते हैं. इसके अलावा भी इलाके में कई ऐसे लोग हैं जिनके मन की मुराद यहां पूरी हुईं है.
कहां ये अनोखा मंदिर? : बेगूसराय जिला मुख्यालय से लगभग 12 से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित परना गांव किसी परिचय का मोहताज नहीं है. अत्यंत पिछड़ा होने के बाद भी इस गांव के लोगों की सोच देश भक्ति से लबालब है. जिसका परिणाम है कि यहां के लोगों ने देश की स्वतंत्रता, इतिहास में शहीद लोगों को भगवान मान कर पूजते हैं. दस हजार से अधिक आबादी वाले इस गांव के लोग आपसी भाई चारे की भी मिसाल बने हुए हैं.
''हिंदू हो या मुस्लिम हर कोई इन शहीदों को अपना आदर्श मानते हैं. खुद के संसाधन से मंदिर की देखरेख करते हैं. इस मंदिर में देवी देवताओं की तरह सुबह शाम इन देश भक्तों की भी पूजा अर्चना विधिवत होती है. मन्दिर और इसके परिसर की साफ सफाई के लिय पचास से भी अधिक युवा हर रविवार को इस काम को अंजाम देते हैं.''- स्थानीय ग्रामीण
मंदिर में स्थापित हैं मूर्तियां : इस मन्दिर में मां दुर्गा, भगवान शिव और हनुमान जी की मूर्ति के आलावा झांसी की रानी लक्ष्मीवाई, वीर कुंवर सिंह, भगत सिंह महात्मा गांधी, सुभाष चंद बोस, खुदीराम बोस, चंद्रशेखर आजाद की आदम कद प्रतिमा के आलावा लोगों के आदर्श सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री, अंबेडकर, कॉमरेड चंद्र शेखर, दिनकर और रामचंद्र सिंह की भी प्रतिमा स्थापित है.
दूसरे मंदिरों से अलग है यह मंदिर : यह मंदिर सिर्फ बेगूसराय ही नहीं बल्कि अन्य जिले के लोगों के लिए भी आर्दश है. इस मंदिर का निर्माण 1989 में गांव के पूर्व मुखिया शिव राम महतो के द्वारा गांव के लोगों के सहयोग से किया गया था. समय के साथ गांव के लोगों का झुकाव इस तरफ बढ़ा तो यह मंदिर लोगों के प्रेरणा का श्रोत बन गया. इस संबंध में मंदिर के मुख्य पुजारी शिव ज्योति झा ने बताया कि यह मंदिर अन्य दूसरे मंदिरों से अलग है.