उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / bharat

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विवाह को लेकर हाईकोर्ट सख्त, आर्य समाज संस्थाओं की जांच का आदेश - Allahabad High Court Order

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर विवाह को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाई कोर्ट ने कहा कि फर्जी विवाहों से मानव तस्करी, यौन उत्पीड़न को बढ़ावा मिलता है. अदालत ने प्रयागराज पुलिस कमिश्नर को इस मामले की जांच कराने का निर्देश दिया है.

Photo Credit- ETV Bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 10, 2024, 9:06 PM IST

Updated : Sep 10, 2024, 9:12 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज के विभिन्न मोहल्ले में चल रही आर्य समाज के नाम की संस्थाओं की जांच करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को निर्देश दिया है कि वह विवाह कराने वाली इन संस्थाओं की विस्तृत जांच करायें. जांच में यह पता लगाया जाए कि यह संस्थाएं किस नाम और पते के साथ किन क्षेत्रों में चल रही हैं.

उनके अध्यक्ष सचिव और पुरोहित जो शादी कराते हैं, उसके बारे में विस्तृत जानकारी इकट्ठा की जाए .यदि उनका कोई आपराधिक इतिहास है तो उसकी भी जानकारी की जाए. कोर्ट ने कहा कि यह भी पता लगाया जाए कि घर से भागे हुए लड़के-लड़कियों से यह संस्थाएं किस प्रकार से संपर्क करती हैं. विवाह प्रमाण पत्र के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाने में इनका मददगार कौन है. कौन इन लड़के-लड़कियों को संरक्षण देता है. इन संस्थाओं के वित्तीय लेनदेन की भी जानकारी की जाए.

कोर्ट ने संस्थाओं द्वारा शादी करवाने के लिए ली जाने वाली फीस (दक्षिणा) की जानकारी भी कराने का निर्देश दिया है. पुलिस कमिश्नर को अपनी रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में कोर्ट के समक्ष अगली सुनवाई में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. मानसी व अन्य सहित 42 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर ने यह आदेश मंगलवार को दिया. प्रदेश सरकार की ओर से अपर स्थाई अधिवक्ता अश्वनी त्रिपाठी और ओपी सिंह ने पक्ष रखा. सभी याचिकाओं में एक ही जैसे प्रकरण थे. इन सभी याचियों का कहना था कि उन्होंने परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ जाकर शादी की है.

वह बालिग हैं और उनकी जान को खतरा है. इसलिए उनको सुरक्षा मुहैया कराई जाए. याची मानसी ने आर्य समाज संस्थान नवाब युसूफ रोड सिविल लाइंस प्रयागराज जो की पंजीकृत संस्था और आर्य प्रतिनिधि सभा लखनऊ से संबंध होने का दावा करती है से शादी करके कोर्ट में विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया. कोर्ट ने कहा कि इन सभी याचिकाओं में प्रयागराज के विभिन्न मोहल्ले में स्थित आर्य समाज व अन्य नाम से चल रही संस्थाओं से विवाह प्रमाण पत्र लिया गया है. यह सभी संस्थाएं पंजीकृत और आर्य प्रतिनिधि सभा लखनऊ से संबद्ध होने का दावा करती हैं.

कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने जब इन संस्थाओं द्वारा जारी प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया, तो पता चला की विवाह बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत जाकर कराए गए. उनके साथ जो दस्तावेज लगाए गए हैं विशेष कर आधार कार्ड फर्जी पाए गए . नोटरी पर दिया गया शपथ पत्र भी फर्जी पाया गया. याचियों के नाम और पते भी गलत पाए गए. विवाह पंजीकरण अधिकारी इन्हीं फर्जी दस्तावेजों पर विवाह का पंजीकरण कर रहे हैं.

कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार के विवाहों से मानव तस्करी और यौन उत्पीड़न तथा बंधुआ मजदूरी को बढ़ावा मिलता है. सामाजिक असुरक्षा के कारण नाबालिग भावनात्मक व मनोवैज्ञानिक सदमे का शिकार होती हैं. कोर्ट ने विवाह कराने वाली इन संस्थाओं की विस्तृत जांच में पुलिस कमिश्नर को स्वयं निगरानी करने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा कि अगली सुनवाई पर वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के मामले से अदालत में उपस्थित रह सकते हैं.

हाईकोर्ट ने ग्रुप डी परीक्षा में धोखाधड़ी के आरोपी अंकित कुमार राय की जमानत मंजूर की
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अधीनस्थ न्यायालयों में ग्रुप डी कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट द्वारा आयोजित परीक्षा में धोखाधड़ी करने के आरोपी अंकित की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. आरोपी अंकित कुमार राय की जमानत अर्जी पर यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने याची के अधिवक्ता सत्येंद्र कुमार त्रिपाठी की दलीलों को सुनकर मंगलवार को दिया.

अलीगढ़ में मॉब लिचिंग में मारे गए मोहम्मद फरीद के भाई की गिरफ्तारी पर रोक
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अलीगढ़ में मॉब लिचिंग में मारे गए मोहम्मद फरीद के भाई की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की खंडपीठ ने मोहम्मद जकी की याचिका पर उसकी अधिवक्ता तनीषा जहांगीर मुनीर और सरकारी वकील को सुनकर दिया.

याचिका में 29 जून 2024 को अलीगढ़ के गांधी पार्क थाने में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी गई है. याची की अधिवक्ता तनीषा जहांगीर मुनीर का कहना था कि याची को उसके भाई की मॉब लिचिंग में हुई मौत को लेकर 19 जून को दर्ज एफआईआर में बतौर काउंटर ब्लास्ट यह प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. एडवोकेट तनीषा का कहना है कि इस प्राथमिकी में मॉब लिचिंग में उसके भाई की मौत का कोई जिक्र नहीं है और न ही इस बात का उल्लेख है कि मौत के बाद उसके भाई का पोस्टमार्टम हुआ था. कोर्ट ने सुनवाई के बाद गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है और याची को उसके प्रत्युत्तर के लिए दो सप्ताह का समय दिया है.

ये भी पढ़ें-बरैली गैंगवार के आरोपी संदेश कुमार की जमानत मंजूर, बीजेपी विधायक पप्पू भरतौल सहित सैकड़ों लोगों पर दर्ज हुई थी FIR - Bareilly Gangwar Accused get Bail

Last Updated : Sep 10, 2024, 9:12 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details