पलामू : सर्दी के मौसम में पलामू, गढ़वा और लातेहार प्रवासी पक्षियों का पसंदीदा स्थान है. ठंड के मौसम की शुरुआत होते ही विदेशी पक्षी एक हजार किलोमीटर का सफर तय कर पलामू के इलाके में प्रवेश कर जाते हैं.
पलामू प्रमंडल में पलामू टाइगर रिजर्व, गढ़वा के सोन, कोयल, सुखलाधरी प्रवासी पक्षियों का पसंदीदा स्थान है. हर साल पलामू टाइगर रिजर्व के कमलदह झील में विभिन्न प्रजातियों के विदेशी पक्षी पहुंचते हैं. इस बार भी विभिन्न प्रजातियों के विदेशी पक्षी पीटीआर में प्रवेश कर चुके हैं.
पलामू टाइगर रिजर्व ने प्रवासी पक्षियों के स्वागत के लिए विशेष तैयारी की है. प्रवासी पक्षियों के जमावड़े वाले इलाकों में अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है, साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. वर्ष 2024-25 के ठंड के मौसम में कमलदह झील, पलामू एवं गढ़वा के विभिन्न क्षेत्रों में प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा था.
कौन-कौन प्रजाति के पक्षियों का है जमावड़ा
अकेले पीटीआर में एशियन ओपन-टेल्ड, रेड वाटर लैपिंग, यूरेशियन मूरहेन, गडवाल, नॉर्दर्न पिंटेल, लिटिल कॉर्मोरेंट, ग्रे वैगटेल, पोंड हेरोन, पाइड किंगफिशर, लिटिल रिंग्ड प्लोवर, व्हाइट ट्यूटोर्ड किंगफिशर प्रजाति के प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा लगा रहता है. इसमें कई पक्षी ऐसे हैं जो पहली बार पीटीआर के क्षेत्र में प्रवेश किए हैं.
यूरेशियन मूरहेन (कॉमन मूरहेन) यूरोप के क्षेत्र से पलामू में प्रवेश करते हैं. लिटिल रिंग्ड प्लोवर भारतीय पक्षी है लेकिन पलामू टाइगर रिजर्व जिले में पहली बार देखा गया है. पीटीआर इस बात का आकलन कर रहा है कि इस बार पक्षियों की कौन-सी नई प्रजाति पीटीआर में प्रवेश की है.