रुद्रप्रयाग: 'इंस्टाग्राम पर स्टोरी अपलोड कर रही थी, अगल-बगल में कुछ लोग बातें कर रहे थे, कुछ सवारियां सोयी हुई थी, मैं किसी को नहीं जानती थी, मेरे साथ मेरी मां थी, शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे दिल्ली से वाहन में बैठे थे, हर तीन घंटे के ब्रेक के बाद चालक बदल रहे थे. वाहन में 26 लोग सवार थे. जिसमें एक चालक के साथ दो और भी चालक शामिल थे. रुद्रप्रयाग पहुंचने से पहले अचानक से टेंपो ट्रैवलर की जोरदार टक्कर की आवाज आने के बाद वाहन खाई में जा गिरा. वाहन ने करीब दो से तीन पलटी खाई, जिसके बाद नदी में समा गया. मैं गाड़ी से छिटककर झाड़ियों में जा गिरी. जिसके बाद मेरी सांसे फूलने लगी. तब मैं अपनी मां को ढूंढ रही थी' ये हालत ए बयां रुद्रप्रयाग सड़क हादसे में घायल महिमा त्रिपाठी ने होश में आने के बाद किया है.
शनिवार को बदरीनाथ हाईवे के रैंतोली में हुए टेंपो ट्रैवलर हादसे में घायल हुई यूपी के प्रयागराज निवासी 23 वर्षीय महिमा त्रिपाठी ने घटना की दास्तां बयां की है. उन्होंने बताया वे बीटेक की पढ़ाई पूरी होने के बाद इन दिनों दिल्ली में इंटर्नशिप कर रही थी. इंटर्नशिप पूरी होने जा रही थी तो सोचा क्यों ना मां के साथ तुंगनाथ चोपता की यात्रा कर ली जाए. इसके बाद ट्रैवल एजेंसी से संपर्क करने पर दो सीट बुक की. अपनी मां स्मृति त्रिपाठी के साथ यात्रा के लिए रवाना हुई. शुक्रवार को दिल्ली से रात साढ़े दस बजे के करीब टेंपो ट्रैवलर 26 सावरियां लेकर चोपता-तुंगनाथ के लिए रवाना हुआ.
हर तीन घंटे में वाहन के चालक बदल रहे थे. बीच-बीच में ब्रेक भी लिया जा रहा था. इस दौरान हल्का खाना-पीना हो रहा था. सुबह के समय जब 11 बजे करीब रुद्रप्रयाग से तीन किमी पहले रैंतोली में पहुंचे तो इस दौरान मैं इंस्टाग्राम पर स्टोरी अपलोड कर रही थी,तभी अचानक वाहन किसी चीज पर टकराकर खाई में जा गिरा. टैंपो ने दो से तीन पलटी खाई और फिर नदी में जा गिरा. मैं वाहन से छिटककर झाड़ियों में जा गिरी. मैं अपनी सुध-बुध खो चुकी थी. कुछ समझ नहीं आ रहा था. सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी. मैनें उठने की कोशिश की,लेकिन मुझसे हो नहीं पा रहा था. मैं अपनी मां को यहां-वहां ढूंढ रही थी. इसके बाद कुछ लोग पहुंचे. उन्होंने मुझे उठाकर अस्पताल पहुंचाया. घटना का दृश्य याद कर रूह सी कांप जाती है. ऐसा मंजर कभी नहीं देखा.
अस्पताल में मां को ढूंढ रही थी महिमा की आंखे: रविवार को अस्पताल में जब कोई अधिकारी-कर्मचारी, स्वास्थ्य कर्मी व परिचित महिमा त्रिपाठी की खैर खबर लेने पहुंच रहे थे, तो महिमा हर किसी से उनकी मां के बारे में सवाल कर रही थी. उनकी आंखें अपनी मां को ढूंढ रही थी, मगर शायद महिमा को नहीं बताया गया कि उनकी मां की मौत घटनास्थल पर ही हो चुकी थी. होश में आने के बाद महिमा हर किसी से अपनी मां की जानकारी ले रही थी, मगर उसकी वास्तविक स्थिति को देखते हुए सभी लोग उसे ढांढस बंधा रहे थे.