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शरद पवार ने बतायी हार की वजह, बोले- ...इसलिए बहनों ने विरोध में मतदान किया - SHARAD PAWAR ON ASSEMBLY ELECTION

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद पहली बार शरद पवार मीडिया के सामने आये और सवालों का जवाब दिया. पढ़ें विस्तृत खबर.

SHARAD PAWAR ON Assembly ELECTION
शरद पवार. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 24, 2024, 7:38 PM IST

सतारा (कराड): महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति ने सबसे ज्यादा सीटें जीती हैं. इस नतीजे के बाद एनसीपी (शरद चंद्र पवार) पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कराड में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और विभिन्न मुद्दों पर टिप्पणी की. शरद पवार ने हार का एक कारण बताते हुए कहा कि महायुति ने लाड़की बहिन योजना को लेकर महा विकास अघाड़ी के खिलाफ गलत प्रचार किया. इसलिए महिलाओं ने हमारे खिलाफ वोट किया. उन्होंने यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ के 'बटेंगे तो काटेंगे' नारे ने जनमत का ध्रुवीकरण कर दिया है. भले ही हम हार जाएं, हम लोगों के पास जाएंगे और फिर से खड़े होंगे.

और मजबूती से काम करेंगे: उन्होंने कहा कि नतीजा हमारी उम्मीद के मुताबिक नहीं आया. ये जनता ने फैसला दिया है और हम इसे स्वीकार करते हैं. लोकसभा के नतीजे के बाद हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है. अब हम फिर से मजबूती के साथ काम करने जा रहे हैं. हम जमीन पर जाएंगे और बेहतर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि जब आधिकारिक डेटा आएगा तो हम उसका अध्ययन करेंगे.

महिलाओं ने विरोध में किया वोट: 'लाड़की बहिन योजना' को लेकर शरद पवार ने कहा कि महायुति ने 'लाड़की बहिन योजना' के बारे में गलत प्रचार किया. अगर यह सरकार गई तो महाविकास अघाड़ी लाड़की बहिन योजना को बंद कर देगी. महायुति ने गलत प्रचार किया. इसलिए महिलाओं ने हमारे खिलाफ वोट किया. कुछ कार्यकर्ताओं ने मुझसे कहा कि इसका हम पर असर पड़ा होगा.

'ईवीएम' पर बोलने से इनकार: नतीजों के बाद उद्धव ठाकरे और संजय राउत ने 'ईवीएम' पर सवाल उठाए. इस पर शरद पवार ने कहा कि मैं 'ईवीएम' मशीन पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा क्योंकि इसके बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है. आधिकारिक जानकारी मिलने के बाद मैं इसके बारे में अधिक बात करूंगा. शरद पवार ने योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि कटेंगे तो बटेंगे ने वोटों का ध्रुवीकरण कर दिया है.

अजित पवार-युगेंद्र पवार की तुलना नहीं की जा सकती: उन्होंने कहा कि यह स्वीकार करना गलत नहीं है कि अजित पवार को अधिक सीटें मिलीं. अगर मैंने बारामती में उम्मीदवार नहीं दिया होता, तो एक अलग संदेश जाता. इसके अलावा, हमें इसका अंदाजा भी था. एक नए उम्मीदवार और एक अनुभवी उम्मीदवार के बीच मुकाबला आसान नहीं होता. इसलिए अजित पवार और युगेंद्र पवार की तुलना नहीं की जा सकती.

विपक्ष का नेता बने रहना कभी अच्छा नहीं: उनके कुछ विरोधी टिप्पणी कर रहे हैं कि हार के बाद शरद पवार घर बैठ जाएंगे. शरद पवार ने कहा कि मैं घर पर नहीं बैठूंगा. परिणाम कल घोषित किया गया और आज मैं कराड में हूं. मैं दिल्ली में सत्र के तुरंत बाद राज्य लौटूंगा और फिर से काम करना शुरू करूंगा. नेता प्रतिपक्ष की पोस्ट पर शरद पवार ने कहा कि विपक्षी नेता रखना हमेशा सही होता है. हमारे पास वह आंकड़ा नहीं है. इसलिए यह सरकार का फैसला होगा कि नेता प्रतिपक्ष का पद किसी को दिया जाये या नहीं.

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