प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में मकर संक्रांति के दिन भीड़ के सारे अनुमान फेल साबित हुए. एक दिन में करीब चार करोड़ आबादी ने मकर संक्रांति के दिन अमृत स्नान किया. हालांकि सरकारी आंकड़ों में 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की बात कही गई है. लेकिन, पूरे क्षेत्र में भीड़ को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि 4 करोड़ के आसपास भीड़ रही होगी.
ये आंकड़ा दुनिया में एक दिन में किसी शहर में पहुंचने वाले यात्रियों की सबसे ज्यादा संख्या मानी जा रही है. इतना ही नहीं, ये संख्या दुनिया के सबसे बड़े शहर टोक्यो (जापान की राजधानी) और अपने देश भारत की राजधानी दिल्ली से भी ज्यादा है. मौजूदा समय में टोक्यो की जनसंख्या 3.7 करोड़ है. जबकि, भारत की राजधानी दिल्ली की 3.3 करोड़ है.
बता दें कि सरकारी आंकड़ों के हिसाब से महाकुंभ नगर में 2 दिन में 5.25 करोड़ लोगों ने अमृत स्नान किया. मकर संक्रांति के दिन 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई. एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ आने से चारों तरफ हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच केवल नरमुंड ही नरमुंड दिखाई दे रहे थे. सिर पर गठरी बांधे, बगल में झोला टांगे आधी रात से ही लोग गंगा की तरफ बढ़ना शुरू हो गए थे. संगम नोज पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से अव्यवस्था नजर आई. भीड़ धक्का-मुक्की कर रही थी. घाटों पर कपड़े बदलने के लिए स्थान नहीं बचा था.
अनुमान 2 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का था: मेलाधिकारी विजय किरन आनंद का कहना है कि महाकुंभ में मकर संक्रांति के अमृत स्नान में 2 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम स्नान का अनुमान था. लेकिन, 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने से थोड़ी दिक्कत हुई. भीड़ प्रबंधन की योजनाएं जो बनाई गई थीं उन्हें चेंज करना पड़ा. दबाव कुछ इस कदर बढ़ा कि एक नहीं, बल्कि चार-चार इमरजेंसी प्लान लागू करने पड़े. तब जाकर हालात पर काबू पाया गया.
100 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनें और 500 से अधिक बसों को चलाया गया:भीड़ बढ़ने पर प्रयागराज जंक्शन सहित सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगानी पड़ी. सबसे अधिक मेला स्पेशल गाड़ियों से श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाने का प्रयास किया गया. उत्तर मध्य रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अमित सिंह का कहना है कि जैसे-जैसे श्रद्धालु आ रहे थे, उन्हें स्टेशन के अंदर मूव करने की क्षमता के हिसाब से अंदर लिया जा रहा था.
बाकी को होल्डिंग एरिया में रोका जा रहा था. 100 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनों से उन्हें रात भर भेजने का काम किया गया. जैसे-जैसे स्टेशन खाली होता गया हम श्रद्धालुओं को अंदर लेते गए. इसी तरह से पूरी रात श्रद्धालुओं को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने का प्रयास किया गया.
महाकुंभ नगर के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि भीड़ अनुमान से अधिक होने के बाद और संगम नोज पर दबाव बढ़ने से चार इमरजेंसी प्लान लागू करने पड़े. इसका फायदा यह हुआ कि इतनी बड़ी संख्या में मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के पहुंचने के बाद भी किसी तरह की कोई घटना दुर्घटना नहीं हुई.