वायनाड: केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई 2024 को हुआ भूस्खलन साल 2018 के बाद सबसे बुरी आपदा थी. पिछली बार बाढ़ की वजह से सैकड़ों लोग मारे गए थे. राज्य में होने वाले प्राकृतिक आपदाओं के संबंध में इकोलॉजिस्ट डॉ. माधव गाडगिल ने वायनाड भूस्खलन के कारण केरल में पर्यावरण संरक्षण के लिए सुझाव साझा किए. उन्होंने केरल में खदानों के संचालन और पर्यावरण की हो रही भारी क्षति की आलोचना की. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण बैठक में एक वीडियो में इस बारे में बात की. बैठक कलपट्टा में नेचर कंजरवेंसी द्वारा आयोजित की गई थी.
उन्होंने कहा कि, ग्लोबल स्तर पर, भारत की पर्यावरण संरक्षण में खराब रैंकिंग है, जिसे बदलना होगा. उनका मानना है कि, केरल सहित खनन नौकरियों को स्थानीय लोगों को सौंप दिया जाना चाहिए. साथ ही सभी खदानों को सरकार द्वारा अपने अधीन कर लिया जाना चाहिए. गाडगिल ने यह भी प्रस्ताव रखा कि केरल में खदानों का प्रबंधन कुदुम्बश्री सदस्यों को सौंपा जाना चाहिए.
गाडगिल ने कहा कि, वायनाड में रिसॉर्ट निर्माण के कारण प्रकृति बुरी तरह से प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि, गोवा मॉडल होम स्टे टूरिज्म को वायनाड में लागू किया जाना चाहिए. गाडगिल ने यह भी कहा कि चाय बागानों को श्रम सहकारी समितियों द्वारा अपने अधीन कर लिया जाना चाहिए.